Wednesday, November 12

आज से प्रदेश में शुरू होगी एसआईआर की प्रक्रिया, घर-घर जाएंगे बीएलओ, दिए जाएंगे गणना फार्म

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मेरठ 04 नवंबर (प्र)। भारत निर्वाचन आयोग के आदेश से चार नवंबर से मेरठ समेत प्रदेश के सभी जिलों में सघन मतदाता पुनरीक्षण(एसआईआर) कार्यक्रम प्रारंभ होने जा रहा है। आयोग का दावा है इस कार्यक्रम के तहत मतदाता सूची को शुद्ध करना उद्देश्य है। 22 साल बाद होने जा रहे एसआईआर के तहत मेरठ जिले में कुल 26 लाख 99 हजार से अधिक मतदाताओं का घर-घर पुनरीक्षण होगा। वहीं 2003 के बाद बने आठ लाख 56 हजार से अधिक मतदाताओं को वोटर लिस्ट में नाम के लिए साक्ष्य भी देने पड़ सकते हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। बस बीएलओ को गणना फार्म को सही-सही भरकर दें। आवश्यक सूचना और जानकारी उपलब्ध करा दें।

इससे पूर्व मेरठ समेत प्रदेश में एसआईआर 2003 में हुआ था। तब मेरठ जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों और बागपत जिले के बरनावा विधानसभा क्षेत्र के 98 बूथों के मतदाता थे। तब 18,43,222 मतदाता थे। अब 22 साल बाद होने जा रहे एसआईआर में सात विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की कुल संख्या 26,99,820 हो गई है।

इस तरह पिछले 22 साल में 8,56,598 मतदाताओं का नाम जुड़ा है। वैसे घर-घर जाकर बीएलओ सभी मतदाताओं को गणना ‌फार्म उपलब्ध कराएंगे, लेकिन जिनका नाम 2003 के बाद जुड़ा है और उनके पिता, पति या किसी संबंधी का नाम पहले से नहीं होगा तो उन्हें आयोग से निर्धारित प्रमाण पत्र की प्रति भी उपलब्ध करानी पड़ सकती है। ऐसे मतदाताओं को वोटर लिस्ट के ड्रा‌फ्ट प्रकाशन के बाद दावा-आपत्ति के समय फार्म-6 भरकर देना होगा। वैसे 2003 के बाद के मतदाताओं को भरपूर अवसर मिलेगा।

2758 बीएलओ जाएंगे घर-घर
एसआईआर को लेकर जिले के 26,99,820 मतदाताओं से संपर्क के लिए 2758 बीएलओ और 277 सुपरवाइजर की ड्यूटी लगाई गई है। इन सभी बीएलओ को हर हाल में घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क कर गणना फार्म उपलब्ध कराने हैं। गणना फार्म की दो प्रति देनी है। बीएलओ को निर्देश है कि गणना ‌फार्म देने या संग्रह के लिए तीन बार मतदाता के घर जाना है। इस दौरान किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। बाद में जिनका नाम 2003 की वोटर लिस्ट से लिंक नहीं होगा तो आयोग की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा और फिर घोषित दस्तावेज साक्ष्य के लिए जमा कराने होंगे। पर्याप्त अवसर मिलेगा। संबंधित विधानसभा क्षेत्र के ईआरओ एसडीएम या अन्य अधिकारी, डीएम और उसके बाद प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी व्यक्ति के दावे को सुनेंगे।

कड़ी निगरानी में आज से एसआईआर
डीएम व जिला निर्वाचन अधिकारी डा.वीके सिंह का कहना है कि एसआईआर भारत निर्वाचन आयोग का महत्वपूर्ण कार्य है। इसके लिए जिले में बीएलओ, सुपरवाइजर, ईआरओ, एईआरओ सभी की ड्यूटी लगाई गई है। विशेष बात यह है कि इस प्रक्रिया में बीएलओ को घर-घर जाकर गणना ‌फार्म वितरित करना है। गणना फार्म संग्रह करना है। सभी को इस कार्य में सहयोग करना है। सभी राजनीतिक दलों, आम मतदाताओं से सहयोग की अपेक्षा है।

एसआईआर के लिए मान्य होंगे यह दस्तावेज
जन्म प्रमाणपत्र, 10वीं या किसी अन्य परीक्षा का प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट, सरकारी जमीन और मकान के कागजात, जाति प्रमाण-पत्र, 1 जुलाई 1987 से पहले का कोई सरकारी, बैंक, डाकघर आदि का प्रमाण-पत्र, मूल निवास प्रमाण-पत्र, सरकारी नौकरी का पहचान पत्र या पेंशन पेमेंट ऑर्डर, परिवार रजिस्टर की नकल, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की प्रविष्टि, वन अधिकार प्रमाण-पत्र जैसे दस्तावेज मान्य होंगे।

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