मेरठ 04 नवंबर (प्र)। उत्तर प्रदेश रिटेल केमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन अब नकली दवाओं के उत्पादन और बिक्री पर लगाम लगाएगा। इसके लिए 15 दिसंबर को मेरठ में प्रदेशभर के दवा विक्रेताओं का सम्मेलन होगा। इसमें नकली दवा बनाने वाली कंपनियों की दवा को ब्लैक लिस्ट करने और बड़ी दवा कंपनियों के मनमाने रवैये पर लगाम कसने पर चर्चा की जाएगी। यह बात प्रदेशध्यक्ष गोपाल अग्रवाल ने सोमवार को शहर के एक रेस्टोरेंट में आयोजित प्रेसवार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि सरकार ने नकली दवा बनाने वाली कंपनियों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। ऐसे में केमिस्ट प्रतिनिधियों का भी दायित्व है कि वह भी सरकार की इस मुहिम का हिस्सा बनें।
प्रदेशभर में कोई भी नकली दवा बाजार में बिकने की बात तो दूर किसी भी मेडिकल स्टोर तक नहीं पहुंचनी चाहिए। यदि किसी कंपनी ने किसी मेडिकल स्टोर पर माल पहुंचाया है तो उसकी शिकायत शासन-प्रशासन से की जाएगी। नकली दवा रोकने के लिए संगठन हर संभव प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि न तो नकली दवा बिकने देंगे और न ही निर्माताओं का अत्याचार सहेंगे। जिलाध्यक्ष अतुल शर्मा ने कहा कि बड़ी कंपनियां दवा विक्रेताओं के कमीशन में मनमाने तौर पर कटौती कर देती हैं। एक्सपायर दवाओं के क्लेम को बहानेबाजी से खारिज कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में उन कंपनियों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे जिन्होंने दवा विक्रेताओं के हितों से खिलवाड़ किया है और जो नकली दवाएं बाजार में पहुंचा रही हैं।
महामंत्री अरुण शर्मा ने कहा कि जीएसटी स्लैब में बदलाव के दौरान भी कई दवा कंपनियों ने बड़ा खेल किया 12 प्रतिशत जीएसटी दर लागू रहते हुए 22 सितंबर से पहले विक्रेताओं को एक प्रतिशत अतिरिक्त डिस्काउंट का लालच देकर उन्हें झांसे में डाला गया। इससे अनेक केमिस्टों को नुकसान झेलना पड़ा। कोषाध्यक्ष राम अवतार ने बताया कि यह आयोजन दवा व्यापारियों के हक की निर्णायक आवाज बनेगा। उन्होंने कहा कि सम्मेलन के बाद नकली दवाओं का कारोबार करने वालों को बेनकाब कर ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
