मेरठ 30 अगस्त (प्र)। नगर निगम में जीआईएस सर्वे के नाम पर करोड़ो का गृहकर घोटाला हो रहा है। इस घोटाले के कुछ सबूत के साथ संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष व पूर्व पार्षद अजय गुप्ता ने नगरायुक्त से शिकायत की और मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की। नगर निगम क्षेत्र में कई प्राइवेट कंपनियों द्वारा संपत्तियों पर कर निर्धारण के लिए जीआईएस सर्वे किया गया। इसकी रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम लोगों को अनाप शनाप भेज रहा है। इसका पार्षदों द्वारा विरोध किया जा रहा है।
नगर निगम की हाल ही में हुई बोर्ड बैठक और कार्यकारिणी की बैठक में भी विरोध हुआ। सर्वे करने वाली कंपनी पर अनियमितता बरतने और नगर निगम के अधिकारियों पर जीआईएस सर्वे के आधार पर नगरवासियों का उत्पीड़न करने व भ्रष्टाचार फैलाने का आरोप लगाया गया था। इन बैठकों में जीआईएस सर्वे के आधार पर बनाए गए गृहकर के बिलों व नोटिसों को भेजने पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया। बैठक में महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने अधिकारियों को जीआईएस सर्वे के आधार पर गृहकर के बिल व नोटिस भेजना बंद करने के आदेश दिए थे, लेकिन अधिकारी महपौर के आदेशों को मानने को तैयार नहीं हैं।
अब संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष व पूर्व पार्षद अजय गुप्ता ने अब कुछ बिलों के साथ और एक तालिका बनाकर पूरे सबूतों के साथ नगरायुक्त के समक्ष जीआईएस सर्वे के नाम पर घोटाला होने का आरोप लगाते हुए शिकायत की। नगरायुक्त को दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि मैसर्स आईटीआई लि., एयूएनआईके आईटी सोल्यूशन प्रा.लि. एंड मार्ग इन्फोटेक ने जीआईएस सर्वे किया, लेकिन इसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है। इस सर्वे से पार्षद, नगर निगम बोर्ड और कार्यकारिणी व महापौर भी संतुष्ट नहीं है। इसकी आड़ में भ्रष्टाचार फैल रहा है और जनता का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने जीआईएस सर्वे के क्रियान्वयन को पूर्ण रूप से स्थगित करने की मांग की।