लखनऊ 18 नवंबर । हलाल सर्टिफिकेशन का मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आ गया है और इसमें बड़ी कार्रवाई हो सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर कड़े नियम बनाने जा रही है। वहीं, हलाल सर्टिफिकेशन देकर सामान बेचने वाली अज्ञात कंपनियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी/ 153ए/ 298/ 384 /420 /467/ 468 /471/ 505 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। शैलेंद्र शर्मा की शिकायत पर हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज हुआ है।
एफआईआर में कहा गया है कि कुछ कम्पनियों द्वारा जैसे हलाल इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया मुम्बई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुम्बई, आदि ने एक मजहब विशेष के ग्राहकों को मजहब के नाम से कुछ उत्पादों पर हलाल प्रमाणपत्र प्रदान कर उनकी ब्रिकी बढ़ाने के लिए आर्थिक लाभ लेकर छल करते हुए हलाल प्रमाण पत्र विभिन्न उत्पादन के लिए निर्गत किए जा रहे है.
एफआईआर में लिखा गया है कि पूरे प्रदेश भर में इस प्रकार के उत्पाद बाजार देखे जा सकते है जो सरासर जन आस्था के साथ खिलवाड़ है. बिना किसी अधिकार के कूट रचित दस्तावेज के द्वारा कूटरचित प्रमाण पत्र के माध्यम से उपरोक्त कंपनियों द्वारा हलाल प्रमाण पत्र निर्गत कर अनुचित लाभ अर्जित किया जा रहा है. साथ ही जन आस्था के साथ खिलावाड़ भी किया जा रहा है. इन कंपनियों द्वारा एक वर्ग विशेष को प्रभावित करने के लिए कूट रचित प्रपत्रों का प्रयोग कर किया जा रहा है तथा निर्धारित मानकों का पालन भी नहीं किया जा रहा है.
एसके शर्मा द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि मुझे आशंका है कि इस अनुचित लाभ को समाज विरोधी /राष्ट्र विरोधी तत्वों को पहुंचाया जा रहा है. इस प्रकार एक समाज विरोधी षड्यन्त्र एक समुदाय विशेष एवं उनके उत्पादों के विरुद्ध किया जा रहा है. यहां तक की शाकाहारी उत्पादों जैसे सौंदर्य प्रसाधन तेल, साबुन, टूथपेस्ट, मधु आदि की बिक्री हेतु हलाल प्रमाण पत्र दिया जा रहा है जबकि शाकाहारी वस्तुओं पर ऐसे किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती है.
बता दें कि कुछ कंपनियों ने हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर धंधा चला रखा था। ऐसी कंपनियां डेयरी, कपड़ा, चीनी, नमकीन, मसाले, और साबुन इत्यादि जैसे उत्पादों को भी हलाल सर्टिफाइड करके बेच रही थीं. अब यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आ गया है और इसमें बड़ी कार्रवाई हो सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर कड़े नियम बनाने जा रही है।
हलाल सर्टिफिकेशन क्या होता है?
इस्लामी धर्म-शास्त्र में जिन चीजों को हराम बताया गया है उसे करने की मनाही होती है, वहीं जिन बातों को हलाल बताया गया है उन्हें करने की इजाजत होती है। इस्लामी मान्यताओं के अनुसार हलाल खाने-पीने की चीजों की निर्माण प्रक्रिया और जानवरों के वध पर लागू होता है। हलाल सर्टिफाइड का मतलब है कि किसी अमुक उत्पाद को इस्लामी मान्यताओं के अनुरूप तैयार किया गया है। कई कंपनियां अपने उत्पादों पर श्हलाल सर्टिफाइडश् का स्टैम्प लगाती हैं।