Friday, July 26

केंद्रीय गृहमंत्री व मुख्यमंत्री भाजपा हित दें ध्यान! जनहित में सरकार के सभी प्रयासों के बावजूद नागरिक भयभीत और अपने को ठगा व उपेक्षित क्यों महसूस कर रहे हैं

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विकसित भारत मेरी संकल्प यात्रा के लिए एक परीक्षा है पीएम नरेंद्र मोदी का स्पष्ट कहना है। घर घर खुशहाली मोदी की गांरटी वाली गाड़ी है। यह कथन है केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर का। ऐसे ही शब्द पीएम की सफलता को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा कहे गए हैं और अगर ध्यान से देखें तो पिछले नौ साल में जितना देश का सम्मान दुनिया भर में बढ़ा और हिंदू राष्ट्र जैसे दो चार मुददों को छोड़कर बाकी कई दशकों से चली आ रही मांग जनता की पूरी की गई। यह किसी से छिपा नहीं है और यह कहने में कोई हर्ज महसूस नहीं होता है कि केंद्र हो या प्रदेश सबमें मोदी और योगी के प्रयासों से जनमानस की समस्याओं के समाधान और भयमुक्त वातावरण का अहसास कराने के लिए प्रयास भी हर स्तर पर प्रमुख नेताओं द्वारा किए जा रहे हैं।
सवाल यह उठता है कि जब सरकार और उसके नेता चुनाव से पूर्व की गई घोषणा को पूरा करने हेतु हर संभव प्रयास कर रहे हैं और संबंधित विभागीय अफसरों को निर्देश देने के साथ साथ समय से पूर्व सेवानिवृति और निलंबन की भी कार्रवाई की जा रही है। तो फिर ऐसा क्यों हो रहा है। अगर बात करे प्रभाव की तो इस समय यूपी सहित ज्यादातर प्रदेशों में भाजपा की सरकारें हैं। केंद्र में भी पार्टी मजबूत हैं। कुछ दिन पूर्व पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में तीन में पीएम मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने जीत का परचम फहराया और जहां भाजपा की सरकारें नहीं हैं वहां भी उसके नेताओं के हौंसले बुलंद है।
आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी केंदीय गृहमंत्री अमित शाह साहब और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जी अब समय आ गया है कि जब आपके हिसाब से काम हो रहा है। जनता वोट भी दे रही है। 2024 में मोदी के प्रति लोगों में जोश होने की बात भी कही जा रही है तो फिर आम आदमी अपने आपको ठगा सा और भयभीत उपेक्षित क्यों महसूस कर रहा है। उसकी बात क्यों नहीं सुनी जा रही। इस पर आपको और आपकी पार्टी के नेताओं को विचार विमर्श करना होगा। अगर आज हम बात हर स्तर पर महिलाओं को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए किए जा रहे दावों की करें तो फिर प्रदेश के जिलों में बच्चियों से लेकर महिलाओं तक के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न की घटनाएं कैसे हो रही हैं। सीएम साहब जनपद हापुड़ में बाजार से लौट रही युवती के सरेराह सिर फोड़ने और गला दबाकर हत्या का प्रयास बिजनौर के नजीबाबाद में गन्ने के खेत में कुछ लोगों द्वारा एक युवती को पीटने का वायरल हो रहा वीडियो झांसी के थाना भमौरी कलां के गांव की दस वर्षीय छात्रा के साथ दो छात्रों द्वारा सामूहिक बलात्कार मेरठ की तहसील सरधना में छात्राओं से छेड़छाड़ करने वालों का विरोध करने पर परिजनों से मारपीट मनचलों से परेशान छात्राओं द्वारा को कालेज जाना बंद बरेली में किसी कारणवश बिना टिकट यात्रा कर रही महिला यात्री से टीटीई द्वारा कॉलर पकड़कर घसीटना और थप्पड़ मारना जबकि यह स्पष्ट है कि महिला अपराधियों पर भी पुरूष मारपीट नहीं करेंगे। महिलाओं को बुलाना पड़ेगा के बाद भी उनके साथ ऐसा व्यवहार गाजियाबाद में प्रेमी से बात करने पर बहन की हत्या, शाहजहांपुर के राममिशन थाना क्षेत्र में लघुशंका करने गई महिला को उसके पड़ोसियों ने बुरी तरह पीटा आदि घटनाएं जो समाचार पत्रों में पढ़ने को मिल रही है उन्हें अंजाम देने का साहस कुछ दुस्साहसी अथवा सत्ताधारी दल को अपने कुकर्मो से बदनाम कर रहे व्यक्तियों का कैसे हो रहा है और आए दिन महिलाओं के साथ अपराध कम होने और उनमें सुरक्षा की भावना बढ़ने के जो आंकड़े सरकार को अधिकारियों द्वारा भेजे जा रहे हैं। क्या वो अपराधों या महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं की तरफ से सीएम का ध्यान हटाने के लिए कोई षडयंत्र तो नहीं है। इस तथ्य को ध्यान में रखकर मुझे लगता है कि केंद्र और प्रदेश के गृहमंत्रालय और यूपी के मुख्यमंत्री को अपराध छिपाने वाले और लोगों को झूठे केस में फंसाने वाले अफसरों को भी समय रहते करनी होगी कार्रवाई वरना सीएम साहब आप तो जनहित की योजनाएं हर व्यक्ति को सुरक्षा देने की नीति और ईमानदार अफसरों को प्रोत्साहन देने की बात ही सोचते रहेंगे। एक भाजपा नेता का मौखिक रूप से यह कथन कि कुछ अफसर विरोधियों से मिलीभगत कर सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार का कोई दोष ना होने के बाद भी सही सही साबित हो सकती है उसकी बात नागरिकों की निगाह में। मुख्यमंत्री जी आपसे ज्यादा यह कौन जान सकता है कि ऐसे माहौल का असर 2024 के लोकसभा चुनाव में कितने उच्च स्तर पर हो सकता है और उसके परिणामस्वरूप क्या क्या हो सकता है यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है।

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