मेरठ 12 मार्च (प्र)। रेलवे रोड को बागपत रोड से जोड़ने वाली 825 मीटर लंबी लिंक रोड शुरू होने की उलटी गिनती शुरू हो गई है। सड़क निर्माण के लिए मिट्टी भराव कर समतलीकरण का काम भी पूरा हो गया है। अब बागपत रोड की ओर से इसे खोलने की तैयारी है। माना जा रहा है कि 20 मार्च के आसपास इसे आशीर्वाद अस्पताल के कुछ हिस्से को ध्वस्त कर खोल दिया जाएगा। 31 मार्च तक मार्ग को शुरू करने की समय सीमा है। इस मार्ग के शुरू होने से 35 कॉलोनियों के लोगों के साथ ही शहर के दो लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा।
लिंक रोड की बागपत मार्ग पर आशीर्वाद अस्पताल की तरफ से अभी सड़क बंद है। लोनिवि अफसर अस्पताल संचालक से सहमति बनाने में जुटे हैं। इसके अलावा जैन नगर के मकानों के पीछे नाला और दीवार का निर्माण अब पूरा हो गया है। रेलवे रोड की तरफ दोनों पुलिया का लिंटर डाला जा चुका है और सेना की कॉलोनी की ओर पिलर बनने के बाद अब दस फुट दीवार बन गई है और इसके ऊपर लोहे के एंगल लगाए गए हैं। इन एंगल पर सुरक्षा की दृष्टि से कंटीले तार लगाए जाएंगे।
सड़क पर रेलवे रोड की ओर से निर्माण कार्य शुरू किया गया है। यह रास्ता शहर के बाहर से ही लोगों को उनके स्थान पर पहुंचने में सहायक साबित होगा। यातायात का दबाव कम होने पर शहर के भीतर भी जाम की समस्या से राहत मिलेगी सबसे ज्यादा राहत आसपास के स्कूल आने-जाने वाले छात्रों को मिलेगी, जिन्हें दिल्ली रोड पर घंटों जाम से जूझते हुए आना-जाना पड़ता है। ढाई दशक पुरानी मांग होगी पूरी लिंक रोड के लिए 35 कॉलोनियों के लोग करीब ढाई दशक से मांग कर रहे थे।
राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने इसके लिए पहल की और सेना ने अपनी आवासीय कॉलोनी परिसर में से 2.369 एकड़ (9585 वर्ग मीटर) भूमि दी। इसके लिए सेना को भुगतान किया गया मेडा की ओर से इसके लिए सड़क निर्माण का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया और जैननगर के मकानों के पीछे से सटाकर करीब सात मीटर चौड़ी सड़क निर्माण शुरू किया गया। इस मार्ग की लंबाई 825 मीटर है। 13 मार्च 2024 को डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने उद्घाटन कर शुरुआत की थी अब नाला निर्माण और दीवार का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है।
होली के बाद रखी जाएगी जीएसबी की नींव
अफसरों के मुताविक होली के बाद लिंक रोड में सबसे पहले ग्रेन्युल सब बेस (जीएसबी) की नींव रखी जाएगी। इसके बाद वेट मिक्स मेकाडम (डब्ल्यूएमएम) होगा। करीब दो फुट तक मिट्टी बिछाई जाएगी। इसके ऊपरी सतह पर डेंस बिटुमिनस मेकाडम (डीबीसी ) तकनीक इस्तेमाल की जाएगी। सबसे ऊपर बिटुमिन कंक्रीट से सड़क तैयार होगी। करीब छह करोड़ की लागत से 11.5 मीटर चौड़े और 825 मीटर लंबे इस मार्ग के बनने से लाखों लोगों को राहत मिलेगी।