Tuesday, October 14

हरिद्वार से गंगनहर में जलापूर्ति बंद, 20 अक्तूबर की मध्यरात्रि को होगी शुरू

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मेरठ 03 अक्टूबर (प्र)। गंगनहर की सफाई और किनारे व पुलों की मरम्मत के लिए बृहस्पतिवार की मध्यरात्रि हरिद्वार से नहर को बंद कर दिया गया है। दो दिन में इसका असर मेरठ और आसपास के इलाकों में देखने को मिलेगा। नहर बंद होने के कारण जहां खेतों की सिंचाई पर असर पड़ेगा, वहीं मेरठ और दिल्ली, गाजियाबाद शहरों की जनता के सामने पेयजल की दिक्कत आएगी। हरिद्वार से पानी छोड़ने के बाद मेरठ तक आने में कम से कम 36 घंटे का समय लगता है। इसलिए यह दिक्कत किसानों और आम लोगों को 22 अक्तूबर तक झेलनी होगी। अब हरिद्वार से नहर में 20 अक्तूबर की मध्यरात्रि को ही गंगाजल छोड़ा जाएगा।

सिंचाई विभाग हर साल दशहरे से दीपावली तक नहर बंद करके सफाई करता है। अब उप्र सरकार के निर्देश पर सिंचाई विभाग ने गंगनहर को हरिद्वार भीम गोड़ा से बंद कर दिया। गंगनहर बंद होने का प्रभाव फसलों की सिंचाई पर ही नहीं बल्कि कुछ शहरों की पेयजल व्यवस्था और हरिद्वार हर की पोड़ी पर गंगा स्नान करने वालों पर भी पड़ेगा।

हरिद्वार से निकलने वाली गंगनहर और अनूपशहर शाखा नहर के पानी का उपयोग मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ आदि जिलों में कृषि भूमि की सिंचाई के लिए होता है। इसके अलावा मेरठ, गाजियाबाद, दिल्ली की जनता की प्यास बुझाई जाती है। गंगनहर बंद होने से ये सभी इलाके और जनता प्रभवित होगी। किसान गन्ने की बुवाई के लिए कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेला से पहले को उचित समय मानते हैं। पांच नवंबर को गंगा स्नान मेला है। वहीं, नहर बंद होने के कारण बड़ी संख्या में किसान गेहूं की फसल के लिए बुवाई नहीं कर पाएंगे।

अधिशासी अभियंता विकास त्यागी का कहना है कि नहर की सफाई और मरम्मत कार्य जरूरी है। इसलिए 20 अक्तूबर तक नहर बंद की गई है। शहरों के लिए जो नहर से पानी की आपूर्ति की जाती है। इसके लिए नहर में जगह-जगह पानी रोका जाएगा। प्रयास रहेगा कि शहरों की जनता को अधिक दिन तक पीने का पानी दिया जा सके।

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