Tuesday, October 14

आईएएस अफसर के पति एडीजीपी वाई पूरन कुमार ने क्यों की आत्महत्या

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हरियाणा कैडर के आईपीएस एडीजीपी वाई पूरन कुमार द्वारा अपने निजी सुरक्षा कर्मी की रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली गई। उन्हें 29 सितंबर को ही रोहतक रेंज के आईजी पद से हटाकर सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में आईजी बनाया गया था। उनकी पत्नी आईएएस अमनीत पी कुमार नागरिक उड्डयन विभाग में सचिव हैं और इस समय मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ जापान दौरे पर गई हैं। बताते हैं कि शराब कारोबारी पवन बंसल से ढाई लाख रूपये महीना की रिश्वत मांगने पर आईपीएस का सुरक्षाकर्मी सुशील कुमार हरियाणा की जेल में बंद है। उसने पूछताछ में पूरन कुमार का नाम लिया। इस मामले में कोई नोटिस तो उन्हें नहीं भेजा गया। रोहतक के एसपी के अनुसार रोहतक रेंज के आईजी पद पर रहते हुए यह मामला हुआ था। खबरों के अनुसार आत्महत्या से पूर्व ९ पन्नों के सुसाइड नोट में वसीयत और सात आईपीएस और दो आईएएस अधिकारियों के नाम का जिक्र करते हुए उन पर आरोप लगाए गए हैं। ५२ वर्षीय पूरन कुमार सेक्टर ११ में रहते थे जिन्हें साउंड प्रूफ कमरे में खुद को गोली मार ली। घर में मौजूद छोटी बेटी ने उन्हें खून में लथपथ देख पुलिस को सूचना दी। हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी के साथ जापान के दौरे पर गई पत्नी की गैरमौजूदगी में उन्होंने आत्महत्या क्यों की और एक पेज के नोट में जिन आईपीएस और आईएएस अधिकारियों की ओर इशारा किया गया वो कौन हैं इसकी जांच होनी चाहिए। क्योंकि बीती २९ सितंबर को सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में आईजी बनाकर भेजा गया था। जहां तक उनका शराब कारोबारी से ढाई लाख रूपया महीना जाने का कथन है तो ऐसा तो सुशील अपनी जान बचाने के लिए कह सकता है। उनकी मौत से छपी खबर में उन पर कोई लांछन सामने नहीं आया है। अब सवाल यह उठता है कि उन्होंने जिन अफसरों की ओर इशारा किया है क्या उनके उत्पीड़न के कारण आत्महत्या की या कोई और वजह रही।
सभी जानते हैं कि अफसर की बात तो दूर सिपाही और बाबू बनने के लिए नौजवान और उसके परिवार को बड़े जतन करने पड़ते हैं। परिजन बच्चों की पढ़ाई के लिए घर तक बेच या गिरवी रख देते हैं। एक सरकारी नौकर को वहां तक पहुंचाने के लिए परिवार को संघर्ष करना पड़ता है। उनके द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने से उसका परिवार और अपनों के जो प्रयास नाकाम सिद्ध हो जाते हैं और उन्हें जो जीवनभर का दुख मिलता है उसकी भरपाई नहीं हो सकती। जहां तक बात करें वाई पूरन कुमार की तो आर्थिक तंगी तो उनके सामने नहीं होगी क्योंकि वह और पत्नी दोनों वरिष्ठ अफसर हैं। तो वो कौन सा कारण रहा कि उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। इसकी जांच पिछले पांच साल में जितने भी अधिकारियों और कर्मचारियों ने कहीं भी आत्महत्या की हो उनकी जांच कर ऐसे उपाय किए जाने चाहिए जिससे भविष्य में ऐसी दुखद और परिवार को हिला देने वाली दुर्घटनाएं ना हो। पूरन कुमार के बच्चों को योग्यता अनुसार अच्छा पद मिल जाना है। इसलिए आर्थिक समस्या तो नहीं रहेगी लेकिन परिवार को उनकी कमी हमेशा खलेगी।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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