मेरठ 14 जून (घुमंतू संवाददाता)। आम आदमी को बैकिंग सुविधा उपलब्ध कराने और घर के नजदीक वो अपनी मर्जी से खाता खुलवाकर अपनी रकम को सुरक्षित रख सके शायद इस भावना के तहत केन्द्रीय वित्त मंत्रालय व रिजर्व बैंक द्वारा बड़े बड़े प्राईवेट घरानों को बैंकों के लाईसेंस दिये गये है जो ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर अपनी पकड़ भी बना रहे है। और अगर शहर हो या गांव बैंक प्रबंधक जो खाते खुल चुके है और जो खुलवाने जा रहे है उनके प्रति खाताधारकों में विश्वास और अपने द्वारा अच्छी सुविधा देकर उन्हें बांधे रखने का प्रयास भी किया जाता है। फिर भी अभी पिछले दिनों देश में कई प्राईवेट बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की गई और कुछ के लाईसेंस निरस्त करने की खबरे भी सुनने को मिली थी। सवाल यह उठता है कि बैकिंग सेवा की बढ़ती मांग और लगभग 90 प्रतिशत नागरिकों में इनमें खाता खुलवाने की इच्छा के बावजूद वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक इनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए क्यों मजबूर होता है। इस ओर जब ध्यान दौड़ाया गया तो कुछ दिन पहले गढ़ रोड़ पर वैशाली कालोनी के बाहर स्थित यस बैंक से परेशान हालत में निकल रहे एक व्यक्ति से हमारे घुमंतू संवाददाता ने कारण पूछा गया तो उसका कहना था कि भाई साहब क्या बताऊ कुछ बोलूंगा तो ये खाता संचालन में परेशानी पैदा करेंगे या किसी से एक पत्र लगवाकर परेशान करने लगेंगे इसलिए मुझे कुछ नहीं कहना। जब उनसे कहा गया कि आपका नाम और संस्था का जिक्र कहीं नहीं होगा तो उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय अपने बैंक के खाताधारकों को साल में कई कई बार सुविधा उपलब्ध करा रहा हैं और यहां के कुछ कर्मचारी परेशान करने के अलावा कुछ नहीं कर रहे। पहले तो हमारे खाते में संचालकों के नाम परिवर्तन से परेशान किया गया और अब एक ऐसे व्यक्ति से जो हमारी संस्था का मैंबर भी नहीं है उसे ऑजेंक्शन पत्र लगवाकर हमारे खाता संचालन में हमें परेशान किया जा रहा हैं। और बैंक के अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है और कर्मचारी हठधर्मी पर उतारू है तो करे तो क्या करें।
इस संदर्भ में जब बैंक के मैनेजर अंकुर गुप्ता से बात करने की कोशिश की गई तो संपर्क नहीं हो पाया। मेरा मानना है कि सरकार रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय की ग्राहक हित की व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए यश बैंक के मैनेजर को 1. बैंक के बाहर खाता कैसे कैसे खुलेगा 2. बंद कैसे होगा 3. संस्था का खाता है तो उसके लिए क्या नियम है और अगर कोई अंजान व्यक्ति जिसका संगठन के खाते से कोई लेना देना नहीं है वो ओपजेंक्शन लगता है तो क्या बैंक खाता संचालन रोक सकता है और किस नियम से 4. बैंक में लोन किन शर्ताें के साथ दिया जाता है और जमा करने की क्या क्या शर्ते है।5. बैंक में उपभोक्ताओं के लिए बैठने पीने योग्य स्वच्छ जल हवा और वाहन खड़े करने की क्या व्यवस्था है। 6. बैंक अवैध रूप से निर्माण किये गये किराये के भवन में खुला है या सरकार के निर्माण नीति के तहत बने भवन में। 7. भवन मालिक से इस संदर्भ में प्राधिकरण की एनओसी ली गई या नहीं।8. यश बैंक अपने खाताधारकों को क्या क्या सुविधाऐं देता है।9. अगर बैंक का कोई कर्मचारी नहीं आता तो उपभोक्ता को उसकी जगह क्या व्यवस्था की जाती है।10. बैंक का सर्वर अगर डाउन हो जाए तो अन्य कौन से स्रोत है जिससे ग्राहकों की समस्याओं का समाधान किया जाता है सहित रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार यस बैंक अपने खाताधारकों को कौन कौन सी सुविधाऐं उपलब्ध करा रहा है इन सबकी जानकारी रिजर्व बैंक के निर्देशों और खाताधारकों की सुविधा के लिए पूर्ण विवरण के साथ बैंक के बाहर प्रदर्शित की जाए ऐसा अन्य उपभोक्ताओं का भी कथन था लेकिन वो कर्मचारियों द्वारा अपनाई जा रही परेशान करने की नीति के चलते कोई भी कुछ खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं होता है बैंक मैनेजर दे ध्यान।