Monday, November 24

मेरठ में बीएस-3 या उससे निचली श्रेणी के 529 वाहन, आज से दिल्ली व एनसीआर में प्रवेश रहेगा प्रतिबंधित

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ 01 नवंबर (प्र)। दिल्ली- एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 1 नवंबर से बीएस-3 और उससे कम मानक वाले वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया है। इस फैसले से मेरठ के 529 वाहन प्रभावित होंगे। बीएस 4, बीएस-6 और इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट दी गई है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अनुसार, बीएस-3 और उससे नीचे की श्रेणी यानी बीएस-1 और बीएस-2 श्रेणी के हल्के मालवाहक, भारी व मध्यम मालवाहकों के प्रवेश प्रतिबंध रहेगा। इनमें डीजल व पेट्रोल दोनों तरह के वाहन शामिल हैं।

मेरठ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव शर्मा ने बताया कि दिल्ली में पूरे देश से माल आता है। वहां से माल आसपास के क्षेत्रों में ट्रकों से पहुंचता है। बीएस-3 के ट्रकों की संख्या अधिक है। ऐसे में बाहर से आने वाले ट्रकों को दिल्ली बार्डर पर माल उतारना पड़ सकता है। वहां से माल सीएनजी या बीएस-6 ट्रकों में लादा जाएगा। इससे माल भाड़ा बढ़ सकता है। शनिवार को इस संबंध में स्थिति स्पष्ट होगी।
आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के मेरठ जोन अध्यक्ष पिंकी चिन्योटी ने बताया कि शनिवार को कोलकाता में एसोसिएशन की बैठक है, जिसमें इस मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा।

यह होते हैं बीएस-3 वाहन
बीएस का अर्थ भारत स्टेज है। इससे वाहनों के इंजन से उत्सर्जित होने वाले प्रदूषण का स्तर मापा जाता है। यह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तय किया जाता है। बीएस- 3 डीजल से चलित ट्रकों में कार्बन मोनो आक्साइड का उत्सर्जन 2.1 किलोग्राम प्रति किलोवाट घंटा, हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन 0.66 किलोग्राम प्रति किलोवाट घंटा होता है। जबकि पीएम का उत्सर्जन 0.10 ग्राम प्रति किलोवाट घंटा होता है। जबकि बीएस फोर डीजल चलित ट्रकों में यह क्रमश: 1.5, 0.46 किलोग्राम प्रति किलोवाट घंटा और 0.02 ग्राम प्रति किलोवाट घंटा होता है। इस तरह बीएस सिक्स वाहनों में यह उत्सर्जन और कम होता है। सुप्रीम कोर्ट ने 2017 से भारत में बीएस थ्री इंजन से चलित बिक्री पर रोक लगा दी है। मेरठ में डीजल चलित वाहन अधिकतम 10 साल चल सकते हैं।

परिवहन विभाग ने इस कार्य के लिए अपनी 84 टीमों काे सतर्क किया है, इसमें से 46 टीमें दिल्ली की सीमाओं पर तैनात रहेंगी। परिवहन विभाग यातायात पुलिस के साथ मिलकर निगरानी करेगा। दिल्ली सरकार का कहना है कि तमाम तरह से ऐसे वाहनों के मालिकों को जागरूक करने के बाद भी यदि इस श्रेणी का कोई वाहन दिल्ली की सीमा पर आता है तो उसे सीमा से ही वापस कर दिया जाएगा। इसके लिए यू टर्न निर्धारित किए गए हैं।

ऐसे वाहन दिल्ली में प्रवेश न करें इसके लिए परिवहन विभाग ने केंद्रीय परिवहन मंत्रालय से डाटा लेकर आसपास के राज्याें के शहरों में पंजीकृत इस श्रेणी के वाहनों के मालिकों को मोबाइल पर संदेश भेजा है और उन्हें आगाह किया है कि एक नवंबर से उनके वाहनों का दिल्ली में प्रवेश वर्जित है। इसलिए दिल्ली की सीमा पर उनके वाहन नहीं पहुंचें।

वहीं सीमाओं पर बने एमसीडी के टोल प्लाजा पर भी परिवहन विभाग और दिल्ली पुलिस की टीमें मौजूद रहेंगी जो ऐसे वाहनों का शुल्क काटने के बाद पुन वापस कराएंगी।

दिल्ली सरकार की ओर से अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि यह भी तैयारी की जाए कि इस प्रक्रिया में दैनिक यात्रियों को आवागमन में असुविधा न हो। परिवहन विभाग ने पड़ोसी राज्यों के जिला अधिकारियों से भी संपर्क कर उन्हें स्थिति से अवगत कराया है और संयुक्त सहयोग को बढ़ावा देते हुए इस अभियान में वाहन चालकों को दिल्ली की सीमा पर ना आने देने के लिए जागरूक करने के लिए कहा है।

Share.

About Author

Leave A Reply