आज दीपावली का शुभ पर्व देशभर में मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार एक प्रमुख त्योहार है। पूरे देश में इस पर्व को बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। दिवाली पर घरों को रोशनी और दीयों से सजाया जाता है और सूर्यास्त के बाद यानी प्रदोष काल में धन की देवी माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की रात को मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक में भ्रमण के लिए आती हैं और जिन घरों में साफ-सफाई, पूजा-पाठ और मंत्रोचार होता है, वहां पर निवास करने लगती हैं। इसलिए दिवाली की शाम महालक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं इस बार दीपावली पर क्या है लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त।
दिवाली अमावस्या तिथि कब से कब तक (Diwali 2024 Tithi)
हर वर्ष दीपावली का त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि दो दिन रहेगी। कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्तूबर, गुरुवार को दोपहर बाद 3 बजकर 52 मिनट पर होगी और समापन तिथि 01 नवंबर को शाम को 06 बजकर 16 मिनट पर रहेगी, फिर प्रतिपदा तिथि लग जाएगी।
हर वर्ष दीपावली का त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि दो दिन रहेगी। कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्तूबर, गुरुवार को दोपहर बाद 3 बजकर 52 मिनट पर होगी और समापन तिथि 01 नवंबर को शाम को 06 बजकर 16 मिनट पर रहेगी, फिर प्रतिपदा तिथि लग जाएगी।
दिवाली 2024 लक्ष्मी पूजन कब ? ( Diwali 2024 Laxmi Puja Muhurat)
दिवाली पर लक्ष्मी- गणेश पूजन प्रदोष काल, अमावस्या तिथि और स्थिर लग्न में करने की धार्मिक मान्यता है। प्रदोष काल वह समय होता है जब सूर्यास्त हो जाता है और यह लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक रहता है। हिंदू धर्म में कोई भी व्रत या त्योहार उदया तिथि के आधार पर तय होता है, लेकिन दिवाली पर माता महालक्ष्मी की पूजा अमावस्या तिथि को रात्रि में होती है। 31 अक्तूबर को पूरी रात अमावस्या तिथि रहेगी। पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 31 अक्तबूर को 3 बजकर 52 मिनट पर आरंभ हो जाएगी और इसका समापन 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर होगा। 31 अक्तूबर को दिवाली मनाई जाएगी और इसी दिन लक्ष्मी पूजा होगी।
दिवाली पर लक्ष्मी- गणेश पूजन प्रदोष काल, अमावस्या तिथि और स्थिर लग्न में करने की धार्मिक मान्यता है। प्रदोष काल वह समय होता है जब सूर्यास्त हो जाता है और यह लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक रहता है। हिंदू धर्म में कोई भी व्रत या त्योहार उदया तिथि के आधार पर तय होता है, लेकिन दिवाली पर माता महालक्ष्मी की पूजा अमावस्या तिथि को रात्रि में होती है। 31 अक्तूबर को पूरी रात अमावस्या तिथि रहेगी। पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 31 अक्तबूर को 3 बजकर 52 मिनट पर आरंभ हो जाएगी और इसका समापन 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर होगा। 31 अक्तूबर को दिवाली मनाई जाएगी और इसी दिन लक्ष्मी पूजा होगी।
दिवाली 2024 लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त (Diwali 2024 Lakshmi Puja Muhurat)दिवाली पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा अमावस्या व्यापिनी तिथि और प्रदोष काल में करने की मान्यता है। 31 अक्तूबर को प्रदोषकाल की शुरुआत शाम 05 बजकर 36 मिनट से होगी जबकि इसका समापन शाम 08 बजकर 11 मिनट पर होगा। इसके अलावा लक्ष्मी पूजन के लिए स्थिर लग्न बहुत ही शुभ और श्रेष्ठ माना जाता है। 31 अक्तूबर को वृषभ लग्न की शुरुआत शाम 06 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 20 मिनट तक होगा। इस तरह से 31 अक्तूबर को लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 20 मिनट के बीच अच्छा रहेगा। कुल मिलाकर 31 अक्तूबर को लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 32 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायी होगा।