मेरठ 02 नवंबर (प्र)। मेरठ में दीपावली के बाद शुक्रवार रात को शहर का एक्यूआई ओर खराब हो गया। एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 तक पहुंच गया। सरदार पटेल कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डीके शाही ने बताया-अगर ग्रेप के नियमों का पालन सख्ती से नहीं कराया गया तो प्रदूषण के स्तर में ओर बढ़ोतरी होगी, जोकि सेहत के लिए खतरनाक है।
दिवाली के बाद शुक्रवार सुबह 9 बजे मेरठ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 276 पहुंच गया था। शाम को इसके कम होने की उम्मीद थी लेकिन रात 9 बजे तक एक्यूआई ओर बढ़ गया। रात नौ बजे मेरठ का एक्यूआई 300 पहुंच गया। अगर मौसम में बदलाव नहीं हुआ तो ये अभी ओर ऊपर जाएगा।
दिवाली के त्योहार पर बृहस्पतिवार और शुक्रवार रात को जमकर आतिशबाजी हुई और पटाखे जलाए गए। पटाखों का धुआं आंखों में लगने से लोगों को जलन की समस्या बनी और सांस के रोगियों को परेशानी हुई। सुबह के समय भी आसमान में कोहरा सा छाया रहा। हालांकि इसे वायु प्रदूषण का असर मान रहे हैं। दिन में चटक धूप निकली और शाम को फिर से धुआं छा गया।
हर साल वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रेप सिस्टम लागू किया जाता है। इस साल वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर NCR में 15 सितंबर से ही इसे लागू कर दिया गया।
ग्रेप में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अलावा नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, PWD, सिंचाई विभाग, NHAI, नगर पालिका, स्वास्थ्य विभाग, RTO समेत करीब 23 विभाग काम कर रहे हैं। इसके बाद भी सुधार नहीं हो रहा है।
प्रदूषित हवा के निशाने पर मॉर्निंग वॉकर्स, बुजुर्ग, सांस और दिल के मरीज और बच्चों पर होगा। बच्चों को मास्क लगाकर स्कूल भेजें। बुजुर्ग, सांस और दिल के रोग भी मास्क लगाकर बाहर निकले। सुबह जल्दी और देर शाम बाहर निकलने से बचें। ब्रीदिंग व्यायाम करते रहें। धूल और धुएं वाली जगह पर जाने से बचें।
खराब एयर क्वालिटी प्रेग्नेंट महिलाओं के पेट में पल रहे बच्चे तक को भी नुकसान पहुंचा सकती है। प्रदूषण से नाक, गले, श्वास नली, फेफड़े, स्किन और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा रहता है।
इसके अलावा ये डायबिटीज, अल्जाइमर और लगातार सिरदर्द का कारण भी बन सकता है। ज्यादा एक्यूआई में रहने से छोटे बच्चों के दिमागी विकास पर बुरा असर पड़ता है। उनकी मानसिक क्षमता कम होने लगती है।