मेरठ 06 नवंबर (प्र)। रफ्तार और आधुनिकता का माडल बने दिल्ली- मेरठ एक्स्प्रेसवे और भारी ट्रैफिक वाले मेरठ-देहरादून हाईवे पर वाहनों का बोझ घटेगा। अब दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद गाजियाबाद के लोग मेरठ आए बिना दिल्ली देहरादून ग्रीनफील्ड एलिवेटेड हाईवे से देहरादून, मसूरी, हरिद्वार की सीबी यात्रा करने लगेंगे। नए हाईवे के खुलने से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और मेरत देहरादून हाईवे एनएच-58 से लंबी दूरी वाले लगभग 20 हजार वाहन घट जाएंगे। इन दोनों मार्गों को मिलाकर प्रतिदिन लगभग 10 हजार वाहन देहरादून, ख्रुको व हरिद्वार के लिए जाते हैं। वहीं शनिवार व रविवार को इसकी संख्या तीन गुना पहुंच जाती है।
तीन घंटे में पहुंच जाएंगे अंबाला नया हाईवे
दिल्ली देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे से अंबाला – शामली एक्सप्रेसवे को शामली जिले में गोगवान जलालपुर में इंटरचेंज के माध्यम से जोड़ा जा रहा है। इससे मेरठ व आसपास के लोग अंगाला जाने के लिए इस नए का उपयोग करने लगेंगे। मेरठ के परतापुर से अंबाला की दूरी लगभग 200 किमी है और पहुंचने में लगभग चार घंटे लगते हैं। शामली के जलालपुर से करनाल होते हुए अंबाला जने में अभी हाई घंटे लगते हैं और दूरी है लगभग 130 किमी अब नया एक्सप्रेसवे यन जाने से दूरी घटकर 120 किमी हो जाएगी। इसका लाभ मेरठ के यात्रियों को भी मिलेगा। मेरठ से जलालपुर पहुंचने में डेढ़ घंटे लगते हैं, दूरी है लगभग 80 किमी । जय टटीरी या बड़ौत के पास दिल्ली देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे का उपयोग करेंगे तो दूरी बढ़कर लगभग 230 किमी हो जाएगी लेकिन बिना बाधा के लगातार एक्सप्रेसवे पर वाहन दौडेंगें। इसलिए चार घंटे की दूरी लगभग तीन घंटे में ही सिमट जाएगी।
सहारनपुर जाने को बढ़ेगी करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर घटेंगे 20 मिनट
नए ग्रीनफील्ड हाईवे का लाभ सहारनपुर जाने के लिए भी मिलेगा। हालांकि नए हाईवे का प्रयोग करने पर लगभग 15 किमी दूरी बढ़ जाएगी। टोल भी महंगा हो सकता है लेकिन समय और जाम की बचत देखें तो नए हाईवे का उपयोग सही रहेगा। लगभग 20 मिनट कम समय में पहुंच जाएंगे। इसके लिए मेरठ- करनाल हाईवे पर आपको मेरठ से 40 किमी दूर करौदा महाजन कट से चढ़ना होगा। उसके बाद 100- किमी प्रति घंटे की गति मिल जाएगी, इससे सहारनपुर पहुंचना आसान हो जाएगा।
नए हाईवे पर 30 किमी पर मिलेगी खानपान सुविधा
नए हाईवे पर यात्रा सुखद रहे इसलिए उसके प्रत्येक 30 किमी पर एनएचएआइ की ओर से खानपान की सुविधा के लिए रेस्ट एरिया का प्रविधान किया गया है। यही नहीं इस हाईवे पर सभी स्थानीय शहरों के लिए कट दिए गए है, उससे यात्री हाईवे से उत्तर कर वहाँ के व्यंजनों व सुविधाओं का भी लाभ ले सकेंगे।
इसलिए नए हाईवे को पसंद करेंगे यात्री
• जाम से मुक्ति दिलाएगा क्योंकि यह एक तरह से एक्सप्रेसवे है। इसमें विभिन्न मार्ग मिल रहे हैं लेकिन कट नहीं है। यह जमीन से ऊपर उठाकर बनाया गया है। कास करने वाले मार्ग अंडरपास ओवर से निकाले गए हैं।
• 100 किमी प्रति घंटे की गति मिलेगी।
• आसपास जिलों के अधिकांश हाईवे व प्रमुख मार्ग इससे जोड़े गए हैं। यह बागपत शमली, मुजफरनगर व सहारनपुर के ग्रामीण क्षेत्रों के जंगल से निकाला गया है, इसलिए देश की तरफ जाने में आसानी हो जाएगी।
• टोल प्लाजा बिना दूध वाला है. इसलिए प्लाजा पर समय नहीं लगेगा।
स्थानांतरित नहीं होंगे देहरादून जाने वाले समस्त वाहन
ग्रीनफील्ड हाईवे बन जाने से एनएच-58 से देहरादून जाने वाले समस्त वाहन स्थानांतरित नहीं होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि बड़ी संख्या में ऐसे यात्री होते हैं जो रुकते हुए, स्थानीय लोगों से मिलते हुए या कई कार्यों को निपट हुए निकलते हैं। खानपान के शौकीन व आसपास के स्थलों का भ्रमण करते हुए जाते हैं। व्यापार व बैठक आदि संपन्न करते हुए आगे बढ़ते हैं। ऐसे में मेरठ एक्स्प्रेस व एनएच-58 की उपयोगिता बनी रहेगी।