मेरठ, 15 नवंबर (प्र)। मोदी रबर फैक्टरी की 1100 करोड़ रुपये की लीज की भूमि को विदेशी कंपनी को बिक्री का मामला ठंडा हुआ नहीं और अब निगम में 100 करोड़ रुपये का गृहकर घोटाला उजागर हो गया है। समिति की जांच रिपोर्ट में खुलासा होगा कि घोटाले का जिम्मेदार निगम अधिकारी हैं या फिर मोदी रबर फैक्टरी। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि 2016 के बाद तत्कालीन कर निर्धारण अधिकारी को गृहकर में संशोधन करने के लिए फैक्टरी को नोटिस देना चाहिए था। इस प्रकरण में कर निर्धारण अधिकारी की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है। समिति अध्यक्ष व सदस्यों ने जांच शुरू कर दी है।
1991 से कोर्ट के आदेश पर मोदी रबर फैक्टरी से 12.87 लाख गृहकर नगर निगम में जमा हो रहा था। नियमानुसार 2016 के बाद गृहकर में परिवर्तन होना था, जो निगम ने नहीं किया। इसके चलते नगर निगम के दस्तावेज में मोदी रबर फैक्टरी पर 100 करोड़ का गृहकर बकाया हो गया, जबकि फैक्टरी की ओर से 1991 के हिसाब से गृहकर जमा होता रहा। बताया गया है कि निगम अधिकारियों ने सांठगांठ की और फैक्टरी को नोटिस नहीं दिया। इस प्रकरण में हाईकोर्ट में आठ बार जनहित याचिका डाली गई। मोदी रबर फैक्टरी की लीज भूमि को विदेश कंपनी को बेचने का मामला भी कोर्ट में विचाराधीन है। लापरवाही मानते हुए शासन ने तत्कालीन सरधना एसडीएम अमित भारतीय पर कार्रवाई हुई है। नगर आयुक्त ने मोदी रबर फैक्टरी पर लगे गृहकर की जानकारी जुटाई, जिसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक गृहकर बकाया मिला।
नगर आयुक्त ने प्रकरण की गंभीरता देखते हुए बुधवार को समिति का गठन किया। इसमें अध्यक्ष लेखा एवं वित्त अधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह, अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार व सहायक नगर आयुक्त शरद पाल सदस्य हैं। बृहस्पतिवार को समिति ने गृहकर विभाग से मोदी रबर फैक्टरी के गृहकर की फाइल मांगी, जिसमें 1991 से 2016 और फिर 2024 तक का रिकॉर्ड खंगाला। पाया गया कि करोड़ों का गृहकर दस्तावेज में लग चुका था, लेकिन मोदी रबर फैक्टरी कोर्ट के आदेश पर सिर्फ 12.87 लाख रुपया प्रतिवर्ष जमा कर रही थी।
जिम्मेदार अधिकारी पर होगी कार्रवाई
100 करोड़ का गृहकर घोटाले का जिम्मेदार निगम के तत्कालीन अधिकारी हैं। नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने जांच समिति को निर्देश दिए है कि लापरवाही और जिम्मेदार अधिकारी का नाम सार्वजनिक करें। इस प्रकरण में कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी, बाबू है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी है। गृहकर की कम वसूली करने में मेरठ पहले ही अन्य नगर निगम की अपेक्षा में फिसड्डी है, इसको लेकर विकास कार्य में आने वाली धनराशि प्रभावित हो रही है।
नगर आयुक्त, सौरभ गंगवार का कहना है कि यह प्रकरण पुराना है। मोदी रबर फैक्टरी पर निगम का 100 करोड़ गृहकर बकाया है। निगम की वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति बनाई है, जो बकाया गृहकर से संबंधित अधिकारी की जांच करेगी। गृहकर वसूला जाना है, इसको लेकर भी कानून एक्सपर्ट से विविध राय ली जा रही है।