मेरठ 27 नवंबर (प्र)। नगर निगम में फर्जी गृहकर बिलों से कर्मचारी वसूली का खेल कर रहे हैं। कर्मचारी गृहकर के फर्जी बिल भेजकर गृहकरदाताओं को भेजते हैं और फिर उन्हें ठीक करने के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं। फर्जी बिलों को लेकर पार्षद भी परेशान हैं। वे लगातार नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन घोटालेबाज कर्मचारियों पर नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। महापौर कई बाद आदेश दे चुके हैं कि जीआईएस सर्वे के आधार पर किसी को गृहकर का बिल न भेजा जाए, लेकिन इस आदेशों पर कोई अमल करने को तैयार नहीं।
शासन द्वारा करीब तीन वर्ष से जीआईएस सर्वे के आधार पर गृहकर लागू करने पर जोर दिया जा रहा है। जीआईएस सर्वे करने के लिए दो प्राइवेट कंपनियों को ठेका दिया गया था। इस सर्वे को फर्जी करार देते हुए आम जनता के साथ-साथ पार्षदों तक ने हुए कई बार नगर निगम में हंगामा किया। पार्षदों द्वारा नगर निगम की बोर्ड और कार्यकारिणी की बैठक में भी हंगामा किया। हंगामा होने पर महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने जीआईएस सर्वे के आधार पर बिल जारी व नोटिस जारी करने और इसके आधार पर बनाए गए बिलों की वसूली करने पर रोक लगा दी थी और सभी वाडों में कैम्प लगाकर जीआईएस सर्वे की त्रुटियों को दूर करने के आदेश दिए थे। उन्होंने लोगों से स्वकर प्रणाली के आधार गृहकर वसूली के आदेश दिए थे। नगर निगम गृहकर वसूली में बुरी तरह पिछड़ा हुआ है। अक्टूबर तक 50 करोड़ रुपये गृहकर वसूली का लक्ष्य था, लेकिन अभी तक करीब 30 करोड़ रुपये गृहकर की वसूली हुई।
कम वसूली के चलते प्रमुख सचिव नगर विकास ने नगर निगम के अधिकारियों की क्लास ली अब नगर निगम के कुछ कर्मचारी गृहकर वसूली के नाम पर गृहकरदाताओं को फर्जी बिल थमा रहे हैं। फर्जी बिलों में अनाप शनाप राशि भरी जा रही है। ऐसे बिलों में न तो वार्ड लिपिक के हस्ताक्षर हैं, न ही कर अधीक्षक जोनल प्रभारी या कर निर्धारण अधिकारी या मुख्य कर निर्धारण अधिकारी के हस्ताक्षर हैं। ऐसे मामलों को लेकर पार्षद भी परेशान हैं। उनका आरोप है कि इन बिलों में दर्ज अत्याधिक राशि को देखकर गृहकरदाता के पसीने छूट रहे हैं। वे बिलों को ठीक कराने को नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं। बिल की राशि को कम करने के नाम पर वसूली की जा रही है।
भाजपा पार्षद राजीव गुप्ता काले का कहना है कि नगर निगम के कर्मचारी फर्जी बिल जारी करके गृहकरदाताओं से लूट कर प्रदेश सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। नगर निगम में अब यह खेल चलने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने नगरायुक्त को फर्जी बिल दिए हैं और दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है। नगरायुक्त ने उन्हें दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है।
नगरायुक्त सौरभ गंगवार का कहना है कि पार्षद राजीव गुप्ता काले ने शिकायत की है कि नगर निगम के कुछ कर्मचारियों द्वारा फर्जी बिल जारी करके अवैध वसूली की जा रही है। इस मामले की जांच बैठा दी गई जांच में जो दोषी होगा उसपर कार्रवाई की जाएगी।