Saturday, July 12

अनिल बंजी गिरोह के दो हथियार तस्कर गिरफ्तार

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ 07 मार्च (प्र) STF की मेरठ यूनिट संजीव जीवा गैंग से जुड़े कुख्यात अनिल बंजी के दो साथियों को गिरफ्तार किया है। दोनों फर्जी तरीके से लाइसेंसी हथियारों को खरीदकर बदमाशों को सप्लाई करते थे। पकड़े गए एक आरोपी का पिता पाकिस्तान से हथियार तस्करी के मामले में अमृतसर जेल में बंद है।

STF के SP बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस लाइन के पास से हथियार तस्कर गुरविंद्र जीत सिंह पुत्र सुरजीत सिंह निवासी ओलख फार्म हाउस पलासौर रोड तरन तारन पंजाब और शेजपाल सिंह पुत्र अवतार सिंह निवासी चक पंडोरी लोपोके अमृतसर पंजाब को गिरफ्तार किया है।

दोनों के कब्जे से आर्म्स एंड एमूनेशन विक्रयल बिल बुक (टैक्स इनवायस) धन धन बाबा दीप सिंह गन हाउस और आर्म्स एंड एमूनेशन विक्रय बिल बुक (वेट इनवायस) मरहटटा गन हाउस आर्म्स एमूनेशन एवं मरहटटा गन हाउस संबंधी अवैध लाईसेंस की प्रति प्राप्त की गई।

अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्कर अनिल बंजी से बरामद पिस्टल भी गुरविंद्र जीत सिंह द्वारा विशाल गन हाउस पठानकोट से 19 नवंबर को खरीदा था। गुरविंद्र ने बताया कि पिस्टल को शेजपाल सिंह को उसके फर्जी लाइसेंस पर 21 नवंबर को बेच दिया था। पिस्टल के अलावा 21 नवंबर को ही उसने 12 बोर पांच एसबीबीएल गन, पंद्रह डीबीबीएल गन भी उसके फर्जी लाइसेंस के आधार पर बेची थी। शेजपाल सिंह ने गुरविन्द्र जीत सिंह को अपने गन हाउस की शस्त्र और कारतूस बेचने संबंधित एक लाइसेंस की काॅपी भी उपलब्ध कराई थी।

उसके अलावा दो अन्य पिस्टल तथा कारतूस भी बेचे गए थे। 12 बोर की पांच एसबीबीएल गन तथा 15 डीबीबीएल गन मरहटटा गन हाउस अडडा खासा, जीटी रोड अटारी अमृतसर, पंजाब को फर्जी लाइसेंस पर बेची गई थी। उक्त लाइसेंस की वैद्यता 28 अगस्त 2029 तक है। उस पर अवतार सिंह पुत्र हजारा सिंह निवासी चक पंडोरी अमृतसर तथा हिस्सेदार शेजपाल सिंह का नाम अंकित है।

ये थियार मरहटटा गन हाउस की बिल बुक में गौतम अहलावत पुत्र पवन अहलावत निवासी पटटी तरन तारन पंजाब के नाम फर्जी रसीद काटकर अनिल बालियान उर्फ बंजी को दिया गया था। अनिल बंजी से प्रत्येक हथियार के 40 से 50 हजार और प्रति कारतूस सौ रुपये लिए गए थे।

मरहटटा गन हाउस का लाइसेंस शेजपाल सिंह के पिता अवतार सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है, ढाई साल पहले मोहाली एसटीएफ ने अवतार सिंह को गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह अमृतसर की सेंट्रल जेल में बंद है। अवतार सिंह सरमुख सिंह गैंग का सदस्य है।

सरमुख सिंह पाकिस्तान के ड्रग्स और हथियार तस्करों से माल मंगाकर पंजाब में सप्लाई देता था। सरमुख सिंह भी जेल में बंद है। शेजपाल सिंह ने गन हाउस के लाइसेंस में हिस्सेदारी में फर्जी तरीके से अपना नाम जुड़वा लिया था। इसके बाद से वह हथियारों की तस्करी कर रहा था।

शेजपाल सिंह भी धन धन बाबा दीप सिंह गन हाउस के मालिक गुरविंद्र जीत सिंह से जुड़ा हुआ है। अभियुक्त अनिल बालियान उर्फ बंजी व उसके साथियों को हथियार और कारतूस फर्जी बिलों पर बेचता था

एसटीएफ मेरठ यूनिट के एएसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदो में अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। एसटीएफ ने 23 नवंबर 2024 को कंकरखेडा से अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्कर गिरोह के सदस्य रोहन निवासी ग्राम लोहड्डा थाना कोतवाली बड़ौत, बागपत को पांच एसबीबीएल गन 12 बोर व 12 डीबीबीएल गन 12 बोर तथा 700 कारतूस 315 बोर के साथ गिरफ्तार किया गया था। अनिल बंजी और तीन अन्य साथी फरार हो गए थे। ये सब लाइसेंसी पुराने हथियार थे। जिनको गन हाउस मालिक द्वारा फर्जी तरीके से गैंग को बेचा जा रहा था।

रोहन से पूछताछ के आधार पर टीम ने 20 दिसंबर 2024 को गिरोह के मुख्य सरगना कुख्यात अनिल बालियान उर्फ अनिल बंजी निवासी ग्राम सिसौली जिला मुजफ्फरनगर को कंकरखेडा से गिरफ्तार किया था। अनिल बंजी के पास से रायफल, कारवाइन, पिस्टल, 15 कारतूस, एक अवैध पम्प एक्शन गन 12 बोर बरामद की थी।

एएसपी ने बताया कि मरहटटा गन हाउस अमृतसर का लाइसेंस शेजपाल सिंह के पिता अवतार सिंह के नाम है। वह करीब ढाई साल से सेंट्रल जेल अमृतसर में बंद है। अवतार सिंह, सरमुख सिंह गैंग का सदस्य है। सरमुख सिंह पाकिस्तान के ड्रग्स तस्करों से ड्रग्स मंगाकर पंजाब में सप्लाई करता है।

सरमुख सिंह भी वर्तमान समय में जेल में बंद है। शेजपाल सिंह ने उक्त गन हाउस के लाइसेंस में पार्टनरशिप कर फर्जी तरीके से अपना नाम जुड़वा लिया था तथा उसी के आधार पर वह असलहा व कारतूसों का व्यापार करता आ रहा है।

मेरठ में डीन को मारी थीं 12 गोलियां
अनिल बालियान मेरठ में रह रहा था। वह यहां प्राॅपर्टी का काम कर रहा था। सरदार पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि में वेटनरी कालेज की डाॅ. आरती भटेले से दोस्ती थी। आरती भटेले सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि में डीन डायरेक्टर डा. राजवीर सिंह की हत्या कराकर खुद डायरेक्टर बनना चाहती थी।
इसकी जिम्मेदारी उसने अनिल बंजी को दी। डीन राजवीर पर हमले के लिए अनिल बालियान ने अनिल पिंटू से संपर्क किया। अनिल उर्फ पिंटू को राजवीर की हत्या करने के लिए एके-47 और 1300 कारतूस दिए।
लेकिन वारदात वाले दिन किसी कारण एके-47 का इस्तेमाल नहीं हो सका। जिसके बाद पिस्टल से वारदात की गई। अनिल जमानत पर छूटने के बाद हथियार तस्करी को बड़े स्तर पर अंजाम दे रहा था।

Share.

About Author

Leave A Reply