मेरठ 28 अप्रैल (प्र)। गंगा एक्सप्रेसवे का काम मेरठ में अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने वाला है। हापुड़ रोड पर मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे का मेरठ में 15 किमी. का दायरा है। इस पर 95 फीसदी के करीब काम पूरा हो गया है। बिजीली गांव के पास इंटरचेंज भी तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रविवार को किए गए निरीक्षण से शेष कार्य जल्द पूरा होने की उम्मीद है।
प्रदेश सरकार ने फरवरी में बजट के दौरान गंगा एक्सप्रेस-वे को हरिद्वार से जोड़ने की घोषणा करते हुए 50 करोड़ का बजट भी इसके लिए आवंटित किया गया। हरिद्वार से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेसवे के जुड़ने से पूरब से पश्चिम तक सभ्यता और संस्कृति एक सूत्र में बंध जाएंगे। रविवार को गढ़मुक्तेश्वर में एक्सप्रेस-वे पर बने हैलीपेड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उतरे और स्थलीय निरीक्षण किया। निर्माणकर्ता कंपनी आईआरबी के परियोजना निदेशक अनूप कुमार सिंह ने उन्हें विस्तार से जानकारी दी।
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण 12 चरणों में ही किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 36,400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। अभी यह छह लेन का एक्सप्रेसवे है, लेकिन बाद में इसे आठ लेन तक चौड़ा किया जा सकेगा। 594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा। मेरठ में इसकी लंबाई 15 किमी. है, जिसमें 43 स्ट्रक्चर तैयार करने का दावा है। मेरठ- बुलंदशहर हाईवे पर बिजौली गांव से शुरू होकर गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज में एनएच-19 पर जुदापुर दादू गांव के पास तक होगा। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ के बाद ये हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव रायबरेली, प्रतापगढ़ से होता हुआ प्रयागराज पर खत्म होगा।
आईआरबी के परियोजना निदेशक अनूप कुमार सिंह ने बताया कि मेरठ में गंगा एक्सप्रेस-वे का काम 95 फीसदी और पूरे प्रोजेक्ट पर 86 फीसदी के करीब काम पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री को प्रगति रिपोर्ट के साथ जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि यह बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है, ऐसे में किसी भी चीज को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मानकों का पूरा ध्यान रखते हुए गुणवत्तापरक काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने काम कर रहे श्रमिकों से भी मुलाकात की और बधाई दी।
गंगा एक्सप्रेसवे शुरू होने से ये होंगे लाभ
■ गंगा एक्सप्रेस से शुरू होने के बाद महज 6 से 8 घंटे में पहुंच सकेंगे प्रयागराज
■ प्रयागराज के लिए अभी तक संगम एक्सप्रेस पर निर्भर हैं अधिकांश यात्री
■ पूरब और पश्चिम की बढ़ेगी सांस्कृतिक विरासत तीर्थ और पर्यटन स्थल को भी मिलेगा बढ़ावा गंगा एक्सप्रेसवे एक नजर में
■ इस प्रोजेक्ट पर 36,400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
■ अभी यह छह लेन का एक्सप्रेसवे है, बाद में इसे आठ लेन तक किया जा सकेगा।
■ 594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा।
■ मेरठ में इसकी लंबाई 15 किमी. है, जिसमें 43 स्ट्रक्चर तैयार करने का दावा है।
