Friday, November 22

इंटीग्रेटेड टाउनशिप की जमीन से अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त करेगा मेडा

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मेरठ 09 अक्टूबर (प्र)। परतापुर- मोहिउद्दीनपुर के बीच रैपिड रेल कॉरिडोर के पास प्रस्तावित इंटीग्रेटेड टाउनशिप की जमीन पर काटी जा रही अवैध कॉलोनियों और कब्जों को मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ध्वस्त करेगा। इस पर काम शुरू कर दिया गया है। मेडा वीसी अभिषेक पांडेय का कहना है कि प्रस्तावित साइट पर जितने भी अवैध कब्जे हैं उन्हें चिह्नित कराया जा रहा है। जमीन लेने को किसानों से सहमति बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। 12 अक्तूबर को गांवों में कैंप लगाकर बातचीत की जाएगी।

करीब दो दशक बाद मेडा परतापुर-मोहिउद्दीनपुर के बीच इकला, छज्जूपुर, कायस्थ गांवड़ी और मोहिउद्दीनपुर में 600 हेक्टेयर जमीन पर इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित करने जा रहा है। शासन ने भी इस पर मुहर लगा दी है। जमीन अर्जन पर होने वाले खर्च के लिए 1000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। प्रथम फेज के लिए ली जाने वाली 142 हेक्टेयर जमीन के लिए 503 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। मेडा ने प्रस्तावित साइट का सर्वे कराया तो यहां कई अवैध कॉलोनियां और कब्जे मिले। वीसी अभिषेक पांडेय ने अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त कर जमीन खाली कराने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को प्रवर्तन दल ने एक अवैध कॉलोनी को जमींदोज कर दिया। बाकी पर भी जल्द मेडा का बुलडोजर गरजने जा रहा है।

600 हेक्टेयर में विकसित होने वाली इंटीग्रेटेड टाउनशिप में मेरठ और एनसीआर के 1.85 लाख लोगों के घर का सपना साकार होगा। योजना में 41 हजार परिवारों को आशियाना मिलेगा तो वहीं योजना में बनने वाले फ्लैटेड फैक्टरी कॉम्पलैक्स और आईटी सेक्टर के जरिये 2.50 लाख लोगों को रोजगार दिया जा सकेगा।

न्यू टाउनशिप का विकास ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) नीति के तहत सस्टेनेबल सिटी के रूप में विश्वस्तरीय ढांचे के रूप में किया जाएगा। टाउनशिप वर्टिकल डेवलपमेंट के तहत बसाई जाएगी, जिसमें आवासीय कम कॉमर्शियल मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट बनेंगे। टाउनशिप में फ्लैटेड फैक्टरी भी होंगी जो लाखों लोगों को रोजगार मुहैया कराएंगी। योजना में 100 हेक्टेयर जमीन आवास के लिए और 27 हेक्टेयर जमीन कॉमर्शियल के लिए रखी गई है। 20 फीसदी जमीन पर आईटी सेक्टर विकसित किया जाएगा। टाउनशिप विकसित करने में करीब 3000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें करीब 2000 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे। इसके लिए शासन ने 1000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं और पहले फेज के लिए 503 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं।

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