मेरठ 27 मई (प्र)। सेंट्रल मार्केट में आवासीय भूखंड पर बने तीन मंजिला कांप्लेक्स समेत 32 अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण का काउंटडाउन शुरू हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कांप्लेक्स व अन्य निर्माणों को खाली करनी अंतिम 30 मई है। अभी तक किसी व्यापारी ने दुकानों को खाली नहीं किया है। जबकि आवास विकास परिषद तीन महीने पहले ही उनकी दुकानों के बाहर खाली करने का नोटिस चस्पा कर चुका है। वहीं, दूसरी ओर पुलिस अफसर जल्द ही आवास विकास परिषद के अधिकारियों की तहरीर पर 51 दुकानदार व आवास विकास के 52 तत्कालीन अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में जुटी हुई है।
17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने व्यापारी की टाइम एक्सटेंशन मांग वाली याचिका स्वीकार करते हुए आवास विकास को जवाब दाखिल करने के लिए 21 दिन का समय देते हुए तब तक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया। इससे पहले 17 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सेंट्रल मार्केट स्थित तीन मंजिला कांप्लेक्स को ध्वस्त करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने का समय दिया 4 मार्च को व्यापारियों ने परिसर खाली करने के लिए और समय दिया जाने जाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की। 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने व्यापारियों की समय सीमा बढ़ाने वाली याचिका को खारिज कर दिया। आवास विकास परिषद ने 2 मई को सेंट्रल मार्केट में बनी 22 दुकानों को खाली करने का नोटिस चस्पा किया। जिसके विरोध में 20 मई को सेंट्रल मार्केट व जागृति विहार के व्यापारियों ने बाजार बंद रखा गया। 22 मई को सर्किट हाउस में राज्यमंत्री ने प्रशासनिक, एमडीए व व्यापारी नेताओं के साथ वार्ता की। इससे बचाने के उपाय निकालने के लिए कहा, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
आवास विकास इंजीनियर का कहना है कि सेंट्रल मार्केट में तीन मंजिला कांप्लेक्स समेत 32 दुकानें है जो आवासीय प्लाटों पर बनी है। सभी को नोटिस दिया जा चुका है। 30 मई तक उन्हें खाली करनी है। दुकानें खाली करने के बाद आवास विकास कॉमर्शियल दुकानों का ध्वस्तीकरण करेंगा। इंजीनियर का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आर्डर के तहत 51 दुकानदार व 52 तत्कालीन आवास विकास के अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए नौचंदी थाने में तहरीर दी गई है। वहीं, पुलिस का कहना है कि तहरीर लेकर जांच की जा रही है। जल्द ही मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा।