मेरठ 23 सितंबर (प्र)। मेरठ में स्टार-30 पिस्टल की खरीद फरोख्त फर्जी दस्तावेज बनाकर की गई थी। मेरठ के गन हाउस मालिक ने इसे मुजफ्फरनगर के ठेकेदार को बेचा था। पूरा मामला इंटरनेशनल हथियार तस्कर और कुख्यात अपराधी अनिल बंजी से जुड़ा है।
अनिल बंजी गैंग ने यह पिस्टल मेरठ के गन हाउस मालिक की मदद से मुजफ्फरनगर के ठेकेदार को बेची थी। दिखाया गया कि जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में तैनात मेजर ने यह पिस्टल गन हाउस पर दी थी। एसटीएफ ने आर्मी हेडक्वार्टर और किश्तवाड़ में टीम भेजी थी। आर्मी हेडक्वार्टर से पत्राचार किया था, जिसके संबंध में अब रिपोर्ट आई है। आर्मी की ओर से बताया गया है कि जिस बिग्रेड का हवाला दिया गया है, उस नाम की ब्रिगेड किश्तवाड़ में तैनात नहीं है। न ही इस नाम के मेजर की तैनाती किश्तवाड़ में संबंधित समय में रही है।
यूपी एसटीएफ ने 23 नवंबर 2024 को कंकरखेड़ा मेरठ में रोहन निवासी गांव लोहड्डा बड़ौत की गिरफ्तारी की थी। रोहन के पिता यूपी पुलिस में दरोगा है। रोहन से 17 बंदूक और 700 कारतूस बरामद किए गए। पूछताछ में खुलासा हुआ रोहन मेरठ निवासी हथियार तस्कर अनिल बंजी का रिश्तेदार है और गिरोह में साथ काम करता है।
अनिल बंजी मुजफ्फरनगर के संजीव जीवा गैंग का सदस्य है। एसटीएफ ने 20 दिसंबर 2024 को अनिल बंजी को गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से तीन विदेशी राइफल और कारतूस बरामद किए। खुलासा हुआ कि ड्रोन की मदद से पाकिस्तान से पिस्टल-कारतूस मंगवाकर यह गिरोह देश के कई हिस्सों में तस्करी करता है।
आर्मी हेडक्वार्टर ने भेजी रिपोर्ट
आर्मी हेडक्वार्टर की ओर से मेरठ एसटीएफ को जवाब भेजा गया है। बताया कि जिस ब्रिगेड में मेजर की किश्तवाड़ में तैनाती दिखाई गई, वह ब्रिगेड किश्तवाड़ में तैनात नहीं है। न मेजर की उस समय पर किश्तवाड़ में तैनाती रही। आर्मी ने स्पष्ट कर दिया दस्तावेज फर्जी हैं। ऐसे में एसटीएफ अब नोटिस भेजकर गन हाउस मालिक और ठेकेदार को बुलाएगी। दोनों की जल्द गिरफ्तारी कराई जाएगी।
अब तक 12 गिरफ्तार
इस गिरोह में शामिल सारिक निवासी जाकिर कॉलोनी मेरठ को 11 जून को एसटीएफ ने पकड़ा था। तीन दिन पहले हापुड़ निवासी इमरान को पकड़ा गया, जो हाशिम बाबा और नासिर गैंग का सदस्य है। पूर्व में अक्षय निवासी रमाला बागपत ने कोर्ट में सरेंडर किया था। विपिन निवासी वाजिदपुर बागपत, धीरेंद्र सिंह निवासी बड़ौत समेत 12 आरोपियों को पकड़ा जा चुका है।
एसटीएफ एसपी ब्रिजेश सिंह का कहना है कि अनिल बंजी ने विदेशी पिस्टल मुजफ्फरनगर के ठेकेदार को फर्जी दस्तावेज बनवाकर बेची थी। इसकी जांच के लिए आर्मी हेडक्वार्टर से पत्राचार किया था। आर्मी हेडक्वार्टर की ओर से पुष्टि की गई है कि संबंधित दस्तावेज में जो मेजर किश्तवाड़ में तैनात दिखाया गया, उस ब्रिगेड और उस नाम का कोई मेजर किश्तवाड़ में नहीं है। मेरठ के गनहाउस मालिक और ठेकेदार को गिरफ्तार किया जाएगा।
