मेरठ 05 नवंबर (प्र)। एनसीआर क्षेत्र में बढ़ रहे जल और वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) अलर्ट हो गया है। सीपीसीबी ने मेरठ 110 और बागपत के 138 औद्योगिक इकाई संचालकों को नोटिस जारी किए हैं। सभी को निर्देश दिए हैं कि चिमनी में ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाना होगा। जिस उद्योग में पहले से सिस्टम लगा हुआ है, उसे नए मानक के अनुसार अपडेट करना होगा। इसके लिए 15 नवंबर तक का समय दिया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्ती के साथ निर्देश जारी किए हैं कि सभी उद्योगों में लगी हुई चिमनी में ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम को नए प्रोटोकॉल से लगाना होगा। अभी उद्योगों से सिस्टम के माध्यम से जुटाया गया प्रदूषण का डाटा एजेंसी के माध्यम से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजा जाता था। अब बोर्ड ने निर्देश दिए हैं कि वायु एवं जल प्रदूषण का डाटा सीधे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजा जाएगा और उसकी 24 घंटे मॉनिटरिंग की जाएगी। इंडस्ट्री से कितना उत्प्रवाह निकल रहा है और किस कैटेगरी में उद्योग चल रहा है। इसके लिए क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा औद्योगिक इकाइयों को नोटिस जारी किया गया है।
फूड प्रोसेसिंग इकाई में भी होगी निगरानी फूड प्रोसेसिंग यूनिट टेक्सटाइल एवं मेटल गैलन वाली इकाइयों में भी ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने के लिए कहा गया है। अभी तक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लाल कैटेगरी की ही इंडस्ट्री में इसे लगाया गया था लेकिन इस बार नए नियम के साथ इनमें भी मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जाएगा और जो नए मानक तय किए गए हैं उनके अनुसार ही इन्हें अपडेट करना होगा।
24 घंटे होगी निगरानी
शुगर फैक्ट्री, पेपर मिल, मेटल इकाई, डिस्टलरी, फूड प्रोसेसिंग यूनिट, टेक्सटाइल आदि में ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम को प्रोटोकॉल के साथ रजिस्टर्ड करना होगा जिसकी मॉनिटरिंग केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली द्वारा 24 घंटे की जाएगी।
प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी भुवन प्रकाश यादव का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण करने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने औद्योगिक इकाइयों में ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने की निर्देश दिए हैं। इसके लिए 15 नवंबर तक का समय दिया गया है।
एनसीआर में चौथा और देश में आठवां सबसे प्रदूषित शहर
ग्रेप का दूसरा चरण लागू होने के बाद भी शहर की हवा में सुधार नहीं है। एक्यूआई का स्तर 300 से नीचे आ गया है लेकिन यह स्तर भी लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। मंगलवार को मेरठ एनसीआर में चौथा व देश में आठवां सबसे प्रदूषित शहर दर्ज किया गया। मंगलवार को एक्यूआई स्तर में गिरावट दर्ज की गई और शहर का एक्यूआई 292 दर्ज किया गया। सीपीसीबी द्वारा दर्ज किए गए 252 शहरों में मेरठ एनसीआर में चौथा व देश में आठवां सबसे प्रदूषित शहर रहा। गाजियाबाद में 325, हापुड़ में 299, ग्रेटर नोएडा में 262, नोएडा में 304, दिल्ली में 291, बागपत में 279, मुजफ्फरनगर में 265 एक्यूआई दर्ज किया गया। गंगानगर में 350, जयभीम नगर में 268, पल्लवपुरम में 258 बेगमपुल में 261, दिल्ली रोड पर 270 एक्यूआई दर्ज किया गया।
