Wednesday, November 12

कमाई-खर्च में अंतर पर आएगा आयकर नोटिस

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नई दिल्ली 10 नवंबर। वेतनभोगी या सैलेरीड व्यक्ति की आमदनी का हिसाब इनकम टैक्स विभाग के पास होता है। यही नहीं, उन्हें दफ्तर से जो वेतन मिला, उसके अलावा कहां से बैंक में पैसे आ रहे हैं, इसका भी हिसाब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास रहता है। इसलिए कोई व्यक्ति यदि उस हिसाब से आईटी रिटर्न नहीं भरता है तो उसे नोटिस मिलता है।

अगर आपके बचत खाते में खर्चों की कटौती के बाद औसत से ज्यादा धनराशि है तो आयकर विभाग को हिसाब किताब देना पड़ सकता है। बीते कुछ महीनों में आयकर विभाग ने ऐसे मामलों को पकड़ा है, जिसमें औसत से कहीं ज्यादा धनराशि बचत खाते में या उससे जुड़ी अन्य किसी स्कीम (एफडी) में जमा पाई गई।

विभिन्न सर्च के बाद सामने आए बैंक खातों की गहनता से जांच की गई, जिसके बाद पता चला कि संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते में प्राप्त होने वाली धनराशि में से बेहद कम की निकासी हुई। ऐसी प्रक्रिया बीते कई वर्षों से चली आ रही है। बताया जा रहा है कि ऐसे मामलों में नोटिस की कार्रवाई की गई तो संबंधित पक्ष स्पष्ट तौर पर यह जवाब नहीं दे पाया कि उसके द्वारा दैनिक खर्चों, बच्चों की स्कूल फीस और अन्य जरूरी खर्चों की पूर्ति कहां से की जा रही है। बैंक खातों के रिकॉर्ड में यह भी स्पष्ट हुआ कि संबंधित खातों से नगदी निकासी भी बेहद सीमित है, जिसके बाद माना गया कि खाते के बाहर से ( ब्लैक में) प्राप्त होने वाली धनराशि के जरिए खर्चों को पूरा किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में विभाग ने माना कि अन्य जरिए से भी धनराशि जुटाई जा रही है जिसका ब्योरा आयकर विभाग को नहीं दिया जा रहा है। ऐसे मामलों में कर चोरी मानकर नोटिस प्रक्रिया की जा रही है।

उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति नौकरी करता है, जिससे सैलरी प्राप्त होती है और उसकी दो-तीन व्यावसायिक संपत्तियां भी हैं, जिनमें किराया आता है लेकिन कर बचाने के लिए उसके द्वारा किराया नगद में लिया जा रहा है और उन्हीं से अपने खर्चों की पूर्ति कर रही है। जबकि नियम के तहत हर आय को रिटर्न में दिखाना जरूरी है।

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