मेरठ 12 नवंबर (प्र)। नए सिरे विकसित होने वाले सोहराब गेट अड्डे पर इलेक्ट्रिक बसों के चार्जिंग की व्यवस्था होगी। इसके लिए बस अड्डे के मानचित्र में संशोधन किया जा रहा है। यहां 100 बसों के चार्जिंग की व्यवस्था की जाएगी। नया मानचित्र स्वीकृत होते ही कार्य शुरू होगा।
सोहराब गेट डिपो में 253 बसों का बेड़ा है। यहां से मुख्य रूप से लंबी दूरी की बसों का जो मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश जाती हैं. का संचालन होता है। दूसरे डिपो की बसों को अगर जोड़ा जाए तो प्रतिदिन लगभग 700 बसें अड्डे पर आती हैं। 60 करोड़ की लागत से गुरुग्राम की कुंतारी फर्म ने बस अड्डे को विकसित करने का ठेका लिया है। जिसमें अड्डे पर उच्च स्तरीय यात्री सुविधाएं, माल और खाने-पीने व अन्य सामानों की दुकानें होंगी। एनसीआर में होने के कारण 10 वर्ष से पुरानी डीजल बसों का संचालन प्रतिबंधित है। प्रदूषण कम करने के लिए एनसीआर में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को बढ़ावा दिए जाने की योजना है। क्षेत्रीय प्रबंधक संदीप नायक ने बताया कि लगभग 100 बसों के लिए चार्जिंग सुविधा का प्रविधान करने के लिए मानचित्र में संशोधन करने को कहा गया है।
भैंसाली में पांच से सात हजार वर्गमीटर भूमि मिलेगी वापस
सोहराब गेट बस अड्डे का स्थानांतरण नव निर्माण की अवधि में कहां पर होगा, इसको लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वहीं भैंसाली में रैपिड रेल के स्टेशन के निर्माण के लिए रोडवेज की 15 हजार वर्गमीटर भूमि ली गई है। स्टेशन का निर्माण हो जाने के बाद पांच से सात हजार वर्गमीटर भूमि एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) रोडवेज को वापस करेगा। संदीप नायक के अनुसार, जितनी जमीन मिलेगी. उसके आधार पर शिफ्टीकरण की योजना बनाई जाएगी। अगर पांच से सात हजार वर्गमीटर भूमि मिल जाती है तो उस पर कार्यशाला संचालित की जाएगी। सोहराब गेट पर पीछे के भाग में पहले कार्य आरंभ होगा।
