Friday, November 21

नौकरों ने हड़पी मालकिन की 15 करोड़ की प्रॉपर्टी

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मेरठ 21 नवंबर (प्र)। रिटायर्ड प्रोफेसर मनीषा त्यागी जिस नौकर और उसके परिवार पर सबसे ज्यादा भरोसा करती थी, उन्होंने ही मनीषा को लूटने की गहरी साजिश रच डाली। वर्षों से प्लानिंग की और पूरी संपत्ति पर कब्जा कर लिया।

मकान को अपनी बेटी के नाम पर वसीयत कराया, जबकि बैंक खाते में अपना नंबर रजिस्टर्ड करा लिया। इसके बाद बैंक खाते से 80 लाख का लेनदेन कर खाता खाली कर दिया। गांव की 10 करोड़ की जमीन और एक फ्लैट भी कब्जा लिया। मामला मनीषा त्यागी की 17 फरवरी को मृत्यु के बाद खुला। मनीषा की असली वारिस भतीजी ने जब पुलिस से मदद मांगी तो मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। कोर्ट के आदेश पर मुकदमा हुआ और अब नौकर-नौकरानी और उनकी बेटी समेत चार आरोपी गिरफ्तार किए गए।

मंगलपांडेनगर निवासी मनीषा त्यागी और उनके पति यशनंदन त्यागी दोनों प्रोफेसर थे। यशनंदन की पूर्व में मृत्यु हो चुकी थी। मनीषा त्यागी की एकलौती वारिस उनकी भतीजी राखी समीर पत्नी मलय समीर हैं, जो गौतमबुद्धनगर में रहती हैं। मलय और राखी ने मनीषा की देखभाल के लिए कुछ साल पहले रामअवतार को रखा था। 17 फरवरी को मनीषा त्यागी की मृत्यु हो गई। इसके अगले दिन ही मनीषा त्यागी के खाते से 18 लाख रुपये बलवंत नामक व्यक्ति ने अपने खाते में ट्रांसफर कराए। बैंक में जब राखी समीर ने मनीषा की मृत्यु की सूचना दी तो पता चला कि खाते से लगातार रकम निकाली गई और ट्रांसफर कराई जा चुकी है।

बैंक से शुरू हुई जांच में केस का खुलासा
मुकदमे की जांच दरोगा दिलीप सिंह सेंगर को दी गई। उन्होंने बैंक में छानबीन की तो पता चला मनीषा के बैंक खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर रामअवतार ने अपना लगाया है। यह सिम मनीषा के पते पर था। बाद में पीएनबी-वन एप्लीकेशन से राखी त्यागी की जगह वारिसान में अपनी बेटी पूनम का नाम दर्ज कर लिया।

पुलिस ने नहीं किया मुकदमा
राखी और उनके पति मलय ने छानबीन की तो खुलासा हुआ कि मकान का बैनामा भी फर्जी वसीयत बनाकर किया गया है। पुलिस से शिकायत की गई, लेकन मुकदमा दर्ज नहीं किया। कोर्ट की मदद ली गई, जिसके बाद 24 जून को धोखाधड़ी, संगठित रूप से अपराध करना, फर्जी दस्तावेज बनाने समेत कई धारा में आठ लोगों रामअवतार, उसकी पत्नी रूपा, बेटी पूनम, कथित दामाद कुलदीप, कुलदीप के पिता जसवीर, मलय समीर के भतीजे जसवीर सिंह, दो गवाह रजनीश त्यागी, नीरज त्यागी और मनोज पर मुकदमा दर्ज हुआ।

मवाना में कराई वसीयत
खुलासा हुआ कि रामअवतार ने 27 दिसंबर 2024 को मनीषा को मवाना ले जाकर फर्जी वसीयत बनवाई और संपत्ति बेटी पूनम के नाम पर ट्रांसफर कराई। वहीं पुलिस ने आरोपियों के गिरफ्तारी वारंट के चलते चार लोगों रामअवतार, उसकी पत्नी रूपा, बेटी पूनम और कथित दामाद कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया। सभी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।

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