मेरठ 21 नवंबर (प्र)। गढ़ रोड स्थित भाग्यश्री अस्पताल में ढाई वर्ष के बच्चे के घाव पर फेवीक्विक लगाने के मामले की मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक कटारिया ने जांच बैठा दी है। डिप्टी सीएमओ डॉ. महेश चन्द्रा की अध्यक्षता में दो सदस्यीय चिकित्सीय टीम मामले की जांच करेगी। सीएमओ ने तीन दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
दरअसल, सोमवार को भाग्यश्री अस्पताल में चिकित्सकों व स्टाफ का अमानवीयता का चेहरा सामने आया। जागृति विहार एक्सटेंशन के पास मैपेल्स हाइट्स कालोनी में रहने वाले फाइनेंसर सरदार जसप्रिदर सिंह के करीब ढाई वर्षीय बेटे मनराज सिंह सोमवार की शाम को खेलते समय आंख के ऊपर चोट लगी थी। उसके खून बह रहा था। परिजन उसे तुरंत भाग्यश्री अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डाक्टरों ने अमानवीयता की सारी हदें पार कर डालीं। डाक्टरों ने जसप्रिंदर से पांच रूपये की फेवीक्विक मंगवाई और कटे हुए हिस्से पर उसे लगाकर चिपका दिया। परिजन बच्चे के घर ले गए। लेकिन बच्चा रातभर दर्द से कराहता रहा। बुधवार को परिजन पुनः भाग्यश्री अस्पताल पहुंचे और जब उन्होंने फेवीक्विक लगाने का कारण पूछा और इसके नुकसान पूछे तो डाक्टरों ने कहा कि इसी तरह इलाज होता है. इससे कोई नुकसान नहीं होता। इसपर उन्होंने अस्पताल में हंगामा किया। इसके बाद परिजन उसे लोकप्रिय अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां करीब तीन घंटे फेवीक्विक को छुड़ाने में लगे। इसके बाद बच्चे को टांगे लगाए गए। जसप्रिंदर से इस मामले की शिकायत सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया से की और मामले की जांच करके दोषी चिकित्सकों और स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सीएमओ ने मामले की जांच डिप्टी सीएमओ डॉ. महेश चन्द्रा और प्यारे लाल शर्मा अस्पताल के फूल कुमार को सौंपी। उनसे तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है।
फेवीक्विक आंख में गिर जाती, तो और घातक होता
सीएमओ व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कटारिया का कहना है कि बच्चे की त्वचा बेहद नाजुक होती है, इसपर कोई भी कैमिकल लगाना घातक है। उनका कहना है कि यदि फेवीक्विक आंख में गिर जाती है तो और अधिक घातक हो जाता। आंखों को भी सबसे ज्यादा नुकसान होता।
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई: सीएमओ
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक कटारिया का कहना है कि जसप्रिदर सिंह की ओर से उन्हें शिकायत मिली. कि भाग्यश्री अस्पताल में उनके ढाई वर्षीय पुत्र मनराज सिंह की चोट पर डाक्टरों ने फेवीक्विक लगाकर चिपका दिया। मामला गंभीर है। उन्होंने मामले की जांच बैठा दी है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आज से शुरू होगी जांच, दोनों पक्ष को बुलाया
सीएमओ द्वारा गठित जांच टीम शुक्रवार से मामले की जांच शुरू करेगी। गुरुवार को टीम की ओर से शिकायतकर्ता जसप्रिंदर सिंह और भाग्यश्री अस्पताल को नोटिस जारी करके जांच के लिए अपना-अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है।
