मेरठ 21 नवंबर (प्र)। चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय में एनईपी 2020 स्नातक, परास्नातक तथा परम्परागत पाठ्यक्रमों की विषम सेमेस्टर परीक्षाएं 26 नवम्बर से प्रारम्भ हो रही हैं। विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में जारी परीक्षा केंद्रों की सूची में संशोधन करते हुए कई महाविद्यालयों के परीक्षा केंद्रों में बदलाव किया गया है। अपरिहार्य कारणों के चलते दिवाइन लॉ कॉलेज, मऊखास को अब बीडीएस स्कूल ऑफ लॉ, जागृति विहार में परीक्षा दिलायी जाएगी। गौरी शंकर कन्या महाविद्यालय, बुलंदशहर को नवीन रूप से डीएवी कॉलेज, बुलंदशहर से संबद्ध किया गया है।
रुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मवाना खुर्द के विद्यार्थियों का परीक्षा केंद्र परिवर्तित करते हुए नवजीवन किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मवाना कर दिया है। इसी प्रकार सुशील इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, मवाना (केवल बालक) को अब एएस स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मवाना से जोड़ा गया है। विश्वविद्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि पूर्व में जारी परीक्षा केंद्र सूची में भगवती कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक, सिवाया का नाम गलती से अंकित हो गया था, जबकि महाविद्यालय का सही नाम भगवती कॉलेज ऑफ एजुकेशन, सिवाया (कोड 722) है।
विवि के चुनौती मूल्यांकन परिणाम जारी
विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न पाठ्यक्रमों के चुनौती मूल्यांकन परिणाम जारी कर विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं। यह परिणाम समन्वयक, चुनौती मूल्यांकन के पत्र 19 नवंबर के क्रम संख्या 9609 से 9729 तक प्राप्त आवेदनों के आधार पर घोषित किए गए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सूचित किया है कि जिन छात्र-छात्राओं के अंक चुनौती मूल्यांकन के बाद प्रभावित हुए हैं, वे अपनी पूर्व की मूल अंकतालिका एवं आवेदन पत्र सहायक कुलसचिव (गोपनीय ) कार्यालय में जमा कर नवीन अंकतालिका प्राप्त करें।
इस संबंध में विश्वविद्यालय ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित करते हुए प्रेस प्रवक्ता से इस सूचना को सभी राष्ट्रीय दैनिकों में निशुल्क प्रकाशित करने का आग्रह किया है।
बीएससी, एमएससी नर्सिंग परीक्षाओं के ऑनलाइन फार्म जारी
विश्वविद्यालय ने एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत बीएससी नर्सिग ( सेमेस्टर 1 से 6) तथा एमएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष (बैंक) के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी संबंधित छात्र-छात्राएं अपने परीक्षा फार्म विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन भर सकेंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार परीक्षा फार्म भरते समय फोटो और हस्ताक्षर अपलोड करना अनिवार्य है। फार्म पर अलग से फोटो चिपकाना प्रतिबंधित है, अन्यथा फार्म स्वतः निरस्त कर दिया जाएगा। विद्यार्थियों को सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा गया है कि फार्म केवल एक बार ही भरा जा सकेगा, इसलिए सभी विवरण सही-सही दर्ज करें। परीक्षा शुल्क भी केवल ऑनलाइन माध्यम से ही स्वीकार किया जाएगा शुल्क रसीद को परीक्षा फार्म के साथ संलग्न करना अनिवार्य है। पूर्ण रूप से भरे फार्म संबंधित संस्थान में जमा किए जाएंगे, जहां कॉलेज प्रशासन को संलग्नकों की पूरी जांच सुनिश्चित करनी होगी। विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है। कि निर्देशों की अवहेलना या किसी त्रुटि के कारण यदि किसी विद्यार्थी का फार्म निरस्त होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी विद्यार्थी एवं संबंधित महाविद्यालय / संस्थान की होगी। विश्वविद्यालय किसी भी स्थिति में उत्तरदायी नहीं होगा। परीक्षा फॉर्म भरने से पहले विद्यार्थियों को वेबसाइट पर उपलब्ध सभी दिशा-निर्देश ध्यानपूर्वक पढ़ने की सलाह दी गई है।
प्रो. दिनेश कुमार बने नए प्रथम अपीलीय अधिकारी
विश्वविद्यालय प्रशासन ने महत्वपूर्ण प्रशासनिक कदम उठाते हुए अर्थशास्त्र विभाग के आचार्य प्रो. दिनेश कुमार को सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत विश्वविद्यालय से संबंधित जनसूचनाओं की सुनवाई एवं निस्तारण के लिए प्रथम अपीलीय अधिकारी नामित किया है। माननीय कुलपति के आदेशानुसार यह नियुक्ति अगले आदेशों तक प्रभावी रहेगी। प्रो. दिनेश कुमार अब विश्वविद्यालय में प्राप्त आरटीआई अपीलों की सुनवाई, समाधान और निस्तारण की जिम्मेदारी संभालेंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार यह निर्णय आरटीआई कार्य प्रणाली को अधिक सुव्यवस्थित, पारदर्शी और समयबद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस नियुक्ति से उम्मीद है कि जनसूचनाओं से जुड़े लंबित मामलों का निस्तारण और भी तेजी से हो सकेगा।
