मेरठ 03 दिसंबर (प्र)। मेरठ में मंगलवार रात एक बीएलओ ने काम के अत्यधिक दबाव से परेशान होकर जहरीला पदार्थ खा लिया। उसे गंभीर हालत में गढ़ रोड स्थित लोकप्रिय अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। इस घटना के बाद विभागीय यूनियन ने अस्पताल में हंगामा किया और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
मुंडाली थाना क्षेत्र के मुरलीपुरा गांव निवासी मोहित चौधरी सिंचाई विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत हैं। वह पल्लवपुरम में बीएलओ आईसीडी का कार्य भी संभालते हैं। परिवार के सदस्यों के अनुसार, मोहित पिछले तीन दिनों से लगातार काम के दबाव में थे। उन पर तहसील सुपरवाइजर आशीष शर्मा द्वारा अत्यधिक कार्यभार डालने का आरोप है।
मंगलवार देर रात मोहित चौधरी अपने घर लौटे और तनाव के चलते उन्होंने कीटनाशक दवा का सेवन कर लिया। परिजनों ने उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है और वे आईसीयू में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही विभागीय यूनियन के लीडर आशीष शर्मा और अन्य कर्मचारी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने सुपरवाइजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा किया। यूनियन का आरोप है कि अत्यधिक काम का दबाव और उत्पीड़न ही मोहित के इस आत्मघाती कदम की मुख्य वजह है।
स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए, एसीएम दीपक कथूरिया, नायब तहसीलदार आदेश सिंह और पुलिस बल तुरंत मौके पर पहुंचा। अधिकारियों ने अस्पताल में मोहित चौधरी की हालत को पता कियार यूनियन के सदस्यों से शांति बनाए रखने की अपील की।
फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। यूनियन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जिम्मेदारों पर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
मोहित की ड्यूटी इन दिनों पल्लवपुरम के वार्ड 57 के बूथ पर बीएलओ पद पर लगाई गई है। बीएलओ ने काम के प्रेशर और सुपरवाइजर के सस्पेंड ओर थ्प्त् दर्ज करवाने की धमकी के बाद घर की छत पर जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी की कोशिश की है। गढ़ रोड स्थित मुरलीपुर निवासी मोहित चौधरी पिछले कई दिनों से दोहरी जिम्मेदारी- सिंचाई विभाग का कार्य और बीएलओ ड्यूटी के चलते तनाव में थे। पत्नी ज्योति ने बताया कि उनके पति सुबह जल्दी घर से निकल जाते थे और देर रात लौटते थे। काम का बोझ इतना बढ़ गया था कि खाना भी ठीक से नहीं खा रहे थे,ओर वह कई दिनों से मानसिक रूप से टूट चुके थे।
डीएम डॉ. वीके सिंह का कहना है कि किसी भी प्रकार का कोई उत्पीड़न नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में उपचार किया जा रहा है. उन्होंने इस मामले की जांच के भी आदेश दिए गए हैं। डीएम ने बताया कि सभी बीएलओ नियमित काम कर रहे हैं। मोहित एसआईआर फॉर्म पूरा करने में लगे थे। यह भी जानकारी मिली है, कि मंगलवार को भी उनके सीनियर सुपरवाइजर आशीष शर्मा ने काम पूरा न होने की वजह पूछी थी. मामले की जांच कराई जाएगी।
