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डा0 लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा- हाईकोर्ट बैंच की मांग है वाजिब, एक नहीं यूपी में बनाई जाए 4 बैंच, राज्यसभा में बोले- 50 साल से चल रहा है आंदोलन

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मेरठ 11 दिसंबर (दैनिक केसर खुशबू टाइम्स)। जनहित का कोई भी मुद्दा हो भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राज्यसभा सदस्य डा0 लक्ष्मीकांत वाजपेयी उसे पूरा कराने या उसका समाधान खोजने में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाते रहे है। इसी क्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना के क्रम में उनके द्वारा हमेशा बैंच की स्थापना के लिए प्रयास कर रहे अधिवक्ताओं के साथ खड़े रहने की कोशिश की जाती है। इस बार भी उनके द्वारा सार्वजनिक रूप से हाईकोर्ट बैंच की स्थापना के लिए प्रयास भी किए जा रहे है। और उसका समर्थन भी किया जाता है। आगामी 17 दिसंबर को बैंच की स्थापना के लिए आयोजित बंद से ठीक एक हफ्ते पहले उनके द्वारा राज्ससभा में यह मुद्दा उठाया गया।

इससे संबंध एक खबर के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बीते बुधवार को राज्यसभा के शून्य काल के दौरान वेस्ट यूपी में इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच स्थापना का मुद्दा उठाया। उन्होंने यूपी में हाईकोर्ट की चार बेंच बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट बेंच की 50 वर्ष पुरानी मांग आबादी, क्षेत्रफल, 10 लाख 33000 हजार लंबित मुकदमों के आधार पर न्याय संगत है। इनमें 63 प्रतिशत से भी अधिक मुकदमे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं। इसके बाद भी हाईकोर्ट बेंच की स्थापना नहीं की जा रही।

उन्होंने कहा, 1986 में अटल बिहारी वाजपेयी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाते इसका समर्थन किया था प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद, नारायण दत्त तिवारी, रामनरेश यादव, बाबू बनारसी दास, मायावती के कार्यकाल में राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया था। 21 जुलाई 1986 को राज्यसभा में तत्कालीन विधि मंत्री हंसराज ने भी बेंच का समर्थन किया था। सर्वाेच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ ने भी कहा है कि इलाहाबाद में कोई स्थायी सीट नहीं, इलाहाबाद व लखनऊ की सीट परिवर्तित की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि विधि आयोग ने सात अगस्त 2009 को देश में चार सुप्रीम कोर्ट की चार बेंच की सिफारिश की थी। इलाहाबाद में जजों के 160 पद स्वीकृत हैं और कार्यरत केवल 70 हैं। लंबित वाद की तुलना में 200 जज चाहिए।

मुंबई में हाईकोर्ट की पांच बेंच बन सकती तो यूपी में क्यों नहींः वाजपेयी
राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और भारत सरकार के निर्णय के विरुद्ध यह आदेश भी जारी कर दिया कि ई-फाइलिंग सेंटर से बाद केवल प्रयागराज बार में पंजीकृत वकील ही कर सकेंगे। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश का 2,40,928 किलोमीटर का क्षेत्र 75 जिले, 18 मंडल, जनसंख्या 24 करोड़ और परिधि 890 वर्ग किलोमीटर है। यहां 10 लाख 33000 लंबित केस हैं। कहा जब मुंबई हाईकोर्ट की 5वीं बेंच कोल्हापुर में दी जा सकती है तो उत्तर प्रदेश में 50 साल से अधिक समय से लंबित ये मांग क्यों नहीं पूरी की जा सकती है।

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