नई दिल्ली 21 अक्टूबर। साइबर अपराध के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के ऑपरेशन चक्र 2 में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। भारत में मौजूद साइबर अपराधियों ने सिंगापुर के 300 नागरिकों को चूना लगाया है। इसमें संदिग्ध चीनी नागरिक की संलिप्तता का संदेह जताया गया है और उसकी भूमिका की जांच जारी है।
सीबीआई ने इंटरपोल के जरिये सिंगापुर सरकार की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई का खाका तैयार किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (आईसी) हरकत में आई। एजेंसी ने आईसी के द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर दूसरी एफआईआर दर्ज की है। इन दोनों एफआईआर के आधार पर ऑपरेशन चक्र 2 को अंजाम दिया गया। सीबीआई की सघन कार्रवाई जारी है। इस गिरोह में देश के अपराधी शामिल हैं जो निवेश, आसान कर्ज, नौकरी के नाम पर लोगों को फंसा रहे हैं। इनके काम करने की पूरी प्रणाली इतनी जटिल है कि व्यवसायिक एजेंसियों को भी तह तक पहुंचने में परेशानी हो रही है।
सीबीआई के मुताबिक, अपराधी सोशल मीडिया प्लेटफार्म और उसके प्रचार पोर्टल का इस्तेमाल कर इनक्रिप्टेड चेट सामग्री और एसएमएस से लोगों को लालच देते हैं। इसमें पोंजी स्कीम और मार्केटिंग के जरिये पार्ट टाइम नौकरी और अन्य सुविधाओं का झांसा दिया जाता है। इसके लिए फिशिंग, विशिंग, स्मीशिंग जैसे तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। कई स्तर पर तैयार की गई जटिल यूपीआई तकनीक से पैसे का लेनदेन करते हैं।
प्रवक्ता ने बयान में कहा,‘‘यूपीआई खातों के एक जटिल नेटवर्क के माध्यम से गलत तरीके से कमाए गए धन को सफेद किया गया, जो अंततः गलत प्रमाण-पत्रों के जरिये इस राशि को क्रिप्टोकरेंसी या सोने में परिवर्तित किया गया।’’
बयान के मुताबिक सीबीआई ने 137 मुखौटा कंपनियों की पहचान की है, जो ज्यादातर रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, बेंगलुरु के साथ पंजीकृत हैं, जिनका इस्तेमाल भोले-भाले निवेशकों से इकट्ठा किए गए पैसे को निकालने के लिए किया जाता था। ऑपरेशन के तहत, सीबीआई ने इंटरपोल के माध्यम से सिंगापुर पुलिस की खुफिया जानकारी के आधार पर एक और मामला भी दर्ज किया है जिसमें दक्षिण पूर्व एशियाई देश के 400 नागरिकों को भारत स्थित साइबर अपराधियों द्वारा निशाना बनाया गया था।
एजेंसी ने सिंगापुर के नागरिकों के खिलाफ 300 साइबर धोखाधड़ी का पता लगाया है, जिसमें 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैले 100 से अधिक भारतीय बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया।