मेरठ 05 जुलाई (प्र)। 11 जुलाई से सावन का पवित्र माह शुरू हो रहा है। यह महीना भगवान आशुतोष को अति प्रिय है। सावन में भोले के भक्त कांवड़ के रूप में हरिद्वार से गंगाजल लेकर आते हैं और शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं। इस बार कांवड़ शिवरात्रि 23 जुलाई को है। शहर के प्रमुख शिवालय औघड़नाथ मंदिर में सावन की तैयारी शुरू हो गई हैं।
श्री बाबा औघड़नाथ शिव मंदिर समिति के अध्यक्ष सतीश सिंघल ने बताया कि शुक्रवार को मंदिर प्रांगण में समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें निर्णय लिया गया कि 21 जुलाई से अनवरत मंदिर प्रांगण रात में भी खुला रहेगा। 23 को शिवरात्रि के बाद 24 की रात मंदिर के कपाट बंद होंगे। कांवड़ शिवरात्रि पर बाबा औघड़दानी की आरती का समय प्रातः चार बजे, शाम सात बजे, रात 11 बजे, देर रात 1 बजे व फिर अगले दिन प्रातः चार बजे रहेगा। मंदिर प्रांगण में बैरिकेडिंग व्यवस्था, रंग-बिरंगी लाइटों सेसजावट, खोया-पाया केंद्र, प्रशासनिक शिविर, निशुल्क चिकित्सा शिविर, प्रसाद शिविर लगाए जाएंगे।
सावन में बढ़ जाती है भक्तों की संख्या
औघड़नाथ मंदिर के अध्यक्ष सतीश सिंघल ने बताया कि सावन के अलावा सालभर प्रतिदिन दो से पांच हजार श्रद्धालु ही मंदिर में प्रतिदिन जलाभिषेक करने आते हैं। लेकिन सावन के पहले दिन से ही यह संख्या 20 से 25 हजार पहुंच जाती है। वहीं, सावन के प्रत्येक सोमवार को लगभग 50 हजार और शिवरात्रि पर यह संख्या सर्वाधिक पांच लाख श्रद्धालुओं के पार चली जाती है।
महामंत्री सुनील गोयल ने बताया कि कांवड़ शिवरात्रि का उत्सव 21 से लगातार तीन दिनों तक मंदिर में धूमधाम से मनाया जाएगा। बैठक में अमरीश अग्रवाल, ब्रजभूषण गुप्ता, धीरेंद्र कुमार सिंघल, अतुल अग्रवाल, अमित अग्रवाल, मनोज कुमार, अशोक चौधरी, डा. महेश बंसल आदि मौजूद रहे।