सहारनपुर 22 नवंबर। इलाज में लापरवाही करने पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने डॉक्टर अंजू सहगल को लापरवाही का दोषी माना है। आयोग ने डॉक्टर पर 6.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। डॉक्टर पर महिला के बच्चेदानी में कैंसर को रसौली बताकर लापरवाही से इलाज करने के आरोप थे।
रामपाल पुत्र सोहन लाल निवासी मनोहरपुर आईटीआई दिल्ली रोड ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में एक परिवाद दायर किया था। रामपाल का आरोप था कि 20 अक्टूबर 2007 को वह अपनी पत्नी सिया को उपचार के लिए डॉ. अंजू सहगल को दिखाया था। डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट देखकर डॉ अंजू सहगल ने कहा कि सिया की बच्चेदानी में रसौली है और ऑपरेशन कराना होगा। डॉक्टर ने ऑपरेशन कर दिया और उन्हें घर भेज दिया। कुछ दिन बाद दोबारा दर्द की शिकायत होने पर दिखाया गया। डॉक्टर ने बच्चेदानी को ही बाहर निकालने की बात कही। इसके बाद डॉक्टर ने दूसरा ऑपरेशन कर बच्चेदानी को बाहर निकाल दिया। साथ ही नमूना जांच को भेज दिया। जांच के बाद पता चला कि सिया को कैंसर था और डॉक्टर अंजू सहगल ने अच्छे से रिपोर्ट नहीं देखी और इलाज करती रही। इसके कुछ दिन बाद महिला की मृत्यु हो गई। रामपाल ने परिवाद दर्ज कर 20 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की थी।
मामले की सुनवाई जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष सतीश कुमार सदस्य नूतन और राजीव ने की। सुनवाई करते हुए महिला की मौत के लिए डॉ अंजू सहगल की लापरवाही को जिम्मेदार माना गया। आयोग ने डॉक्टर पर इलाज में खर्च की क्षतिपूर्ति 50200 रुपये मय सात फीसदी ब्याज, मृत्य होने पर पांच लाख रुपये, शारीरिक और मानसिक कष्ट की क्षतिपूर्ति के लिए 50 हजार रुपये और वाद में व्यय के रूप में 10 हजार रुपये का अदा करने के आदेश दिए।