Friday, November 22

दलित के घर भोजन करने पहुंचे मंत्री, अखिलेश ने उठाये सवाल तो बिफर गए मंत्री

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प्रयागराज 24 नवंबर । दलित महिला के घर प्रदेश सरकार के मंत्री के भोजन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। नन्दी द्वारा किए गए भोजन पर कटाक्ष करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट लिखा कि भाजपाई मंत्री वोट की खोज में, दलित के घर दिखावटी भोज में…। अखिलेश यादव के इस पोस्ट पर पलटवार करते हुए नन्दी ने जवाब लिखा कि जिस अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में कभी गरीब और दलित की चिंता नहीं की, वो आज घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। अखिलेश यादव की विश्वसनीयता और गम्भीरता का थर्मामीटर दिन ब दिन पप्पू-राहुल से भी नीचे गिरता जा रहा है।

अखिलेश यादव के पोस्ट का जवाब देते हुए नन्दी ने एक्स पोस्ट पर लिखा कि अखिलेश मेरी आपको सलाह है कि इस तरह की छोटी और ओछी हरकतों से बाज आइये। एक गरीब व दलित के आतिथ्य का मजाक उड़ाना अक्षम्य है। कहा जाता है कि जैसी दृष्टि होती है वैसी ही सृष्टि दिखती है। जब दिमाग में खालीपन और दृष्टि विकृत हो तो चूल्हे पर सिंकती बाजरे की रोटी और बहुत प्यार से बनाया गया सरसों का साग नहीं दिखता। गंगाजली देवी ने जिस स्नेह और आत्मीयता से विधायकगणों, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को खाना खिलाया उसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। एसी में बैठकर ऊल-जुलूल, अनर्गल, अगम्भीर और तथ्यहीन ट्वीट करना ही आपकी विशेषता है।

बता दें कि,देश भर के राजनेताओं में दलित के घर पर खाना खाने की होड़ लगी है। जब कभी चुनाव नजदीक होता है तो ये होड़ भीड़ में तब्दील हो जाती है। प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री व मिर्जापुर के प्रभारी मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने 20 नवम्बर को अपने प्रभारी जनपद में प्रवास के दौरान सिटी विकास खण्ड के शाहपुर चौसा गांव में चौपाल लगाकर गांव की दलित महिला गंगाजली के घर अधिकारियों के साथ सहभोज किया था।

मंत्री के भोज के बाद गंगाजली ने कहा था कि “मंत्रीजी घर आए तो लगा अब सारी समस्याएं दूर होंगी…हमारी भी सुनवाई होगी, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ। हम लोगों ने तो खुद कभी देसी घी नहीं खाया। मगर मंत्रीजी के लिए 100 रुपए का खरीद कर ले आए। वही घी रोटी में लगाकर उनको दिया था। उन्होंने हम लोगों को जो पैसा दिया है, उससे तो बस बेटे की दवा आ पाएगी। मगर हमारे सरकारी आवास और राशन कार्ड का वादा कौन पूरा करेगा?”

नन्दी ने लिखा है कि कौन भूल सकता है कि 2012 में आपने शपथ भी नहीं ली थी केवल रुझान आये थे और सपाइयों ने दलितों की कई बस्तियां जला दी थीं। अपनी सरकार में जब आपने कभी गरीब और दलित की चिन्ता नहीं की तो अब घड़ियाली आँसू मत बहाइये। सबको पता है कि सपा के कार्यकर्ता केवल जमीनों पर कब्जा, गुण्डागर्दी और वसूली करना जानते हैं। उत्तर प्रदेश के कर्मयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मंत्रीगणों का जनता के बीच जाना, जनचौपाल आदि का मुख्य उद्देश्य विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित और अछूते रह गये लोगों को विकास की धारा में शामिल करना है।

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