कोलकाता 28 दिसंबर। पश्चिम बंगाल सरकार ने गत दिवस कैबिनेट बैठक में कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) नियुक्त करने का फैसला किया हैं। एक अधिकारी ने बताया कि वह मनोज मालवीय की जगह लेंगे जो बुधवार को सेवानिवृत्त हो गए, अब उन्हें अगले तीन साल के लिए पुलिस सलाहकार नियुक्त किया गया है।
चंदौसी निवासी आईपीएस राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल का डीजीपी बनाया गया है। वह 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। राजीव कुमार मुरादाबाद के गांधी कहे जाने वाले सांसद प्रो. रामसरन के पौत्र और चंदौसी के एसएम डिग्री कालेज के प्रो. आनंद कुमार के बेटे हैं। इंटरमीडिएट की पढ़ाई राजीव कुमार ने चंदौसी के एसएम इंटर कॉलेज से की थी। इसके बाद उन्होंने आईआईटी रुड़की से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री ली। इसके बाद आईपीएस में चयन हो गया और पश्चिम बंगाल कैडर मिला। राजीव कुमार के डीजीपी बनाए जाने पर चंदौसी में उनके परिचित लोगों में खुशी है। क्योंकि राजीव कुमार के पिता एसएम डिग्री कालेज चंदौसी में समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष रहे थे। मां मुन्नी देवी हैं।
राजीव कुमार के छोटे भाई शरद कुमार त्वचा रोग विशेषज्ञ हैं और इस समय सूरत में रहते हैं। छोटी बहन डाॅ. ऋचा गुप्ता अमेरिका में रहती हैं। राजीव कुमार के परिचित बताते हैं कि वह हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में भी टॉपर रहे और बाद में इंजीनियरिंग में भी टॉप किया। वह बचपन से ही प्रतिभाशाली थे। अब डीजीपी बनकर नाम रोशन किया है। इससे पहले कोलकाता के पुलिस आयुक्त भी रहे हैं।
बता दें ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले राजीव कुमार पर सीबीआई ने एसआईटी की अगुवाई करते हुए शारदा घोटाले की जांच के दौरान सबूतों को दबाने और छुपाने का आरोप लगाया था। घोटाले की छानबीन करने के लिए राज्य सरकार ने ही एसआईटी गठित की थी। बरहराल अभी कुमार कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर ही काम करेंगे।
गौरतलब हैं कि शारदा घोटाला 2013 में सामने आया था जहाँ शारदा चिट फंड में निवेश करने वाले बड़ी संख्या में आर्थिक रूप से तबाह हो गए थे। उस समय राज्य में ममता बनर्जी की सरकार थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। फरवरी 2019 को जब सीबीआई की टीम घोटाले से संबंध में पूछताछ करने के लिए तत्कालीन पुलिस कमिश्नर कुमार के घर गई थी तो सुरक्षा कर्मियों ने सीबीआई अधिकारियों को अंदर जाने से रोका और मुख्यमंत्री बनर्जी भाजपा नीत केंद्र सरकार पर विपक्ष के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गई थीं।