नई दिल्ली 03 जनवरी। 30 दिसंबर से देशभर में चल रही ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल केंद्र सरकार से बातचीत के बाद मंगलवार देर रात को खत्म हो गई। ट्रक ड्राइवर्स केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून के नए नियमों को लेकर पिछले 4 दिनों से विरोध कर रहा था। हड़ताल का सबसे ज्यादा असर, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत 10 से ज्यादा राज्यों में देखने को मिला था। इसकी वजह से पेट्रोल, घरेलू गैस, दूध और सब्जियों जैसे जरूरी सामानों की आवाजाही प्रभावित हो गई थी।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मंगलवार को कहा कि ‘हिट-एंड-रन’ (दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाना) मामलों से संबंधित नया दंड प्रावधान लागू करने का निर्णय ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) से परामर्श के बाद ही लिया जाएगा. गृह सचिव भल्ला ने एआईएमटीसी और सभी आंदोलनकारी ट्रक चालकों से काम पर लौटने की भी अपील की.
गृह सचिव ने एआईएमटीसी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद कहा, “सरकार यह बताना चाहती है कि ये नए कानून और प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं. हम यह भी बताना चाहेंगे कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) को लागू करने का निर्णय ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के परामर्श के बाद ही लिया जाएगा.”
भल्ला ने कहा कि सरकार ने 10 साल की कैद और जुर्माने के प्रावधान के संबंध में ट्रक चालकों की चिंताओं का संज्ञान लिया है और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ इस पर विस्तृत चर्चा की है. इस बीच, गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने आंदोलनकारी ट्रक चालकों के प्रतिनिधिमंडल को यह भी आश्वासन दिया है कि वह हिट-एंड-रन मामलों से संबंधित एक नए दंड प्रावधान पर उनकी सभी चिंताओं पर ”खुले दिल” से विचार करने के लिए तैयार है. उन्होंने ट्रक चालकों से काम पर लौटने की भी अपील की.
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के अनुसार, “जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है, और घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिए बिना भाग जाता है, उसे दस वर्ष तक के कारावास की सजा होगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा”. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्रक चालकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक को सफल बताया.