Monday, December 23

रालोद ने बागपत से राजकुमार सांगवान और बिजनौर से चंदन चौहान को दिया टिकट

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मेरठ 05 मार्च (प्र)। एनडीए के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही राष्ट्रीय लोकदल ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। रालोद ने बागपत से जाट चेहरा डॉ. राजकुमार सांगवान को प्रत्याशी बनाया है। वहीं बिजनौर सीट पर चंदन चौहान को उतारा है। चंदन चौहान गुर्जर बिरादरी से आते हैं। रालोद के युवा नेता और युवा विधायक हैं। वहीं रालोद ने विधान परिषद के लिए मथुरा से योगेश नौहार को प्रत्याशी बनाया है।

बागपत से डॉ. राजकुमार सांगवान जैसे ईमानदार नेता को टिकट देकर जयंत चौधरी ने बड़ा संदेश दे दिया है। राजकुमार सांगवान ऐसे नेता हैं, जिनकी हर बिरादारी, हर क्षेत्र में अलग पहचान रही है। लंबे समय तक छात्र और किसानों की राजनीति करने वाले डॉ. राजकुमार सांगवान को टिकट दिए जाने पर लोगों का कहना है कि ऐसे ईमानदार इंसान को टिकट देकर जयंत चौधरी ने हर किसी का दिल जीत लिया है।

डॉ. राजकुमार सांगवान ऐसे नेता हैं, जिन्होंने पार्टी के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने विवाह तक नहीं किया। उन्हें कई बार दूसरी पार्टी से टिकट के लिए ऑफर मिला लेकिन उन्होंने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि चौधरी चरण सिंह से प्रेरित होकर राजनीति में आए, जब तक जीवन है, इस पार्टी को नहीं छोड़ेंगे।

डॉ. राजकुमार सांगवान (63) वर्ष 1980 में पहली बार बागपत के माया त्यागी कांड में हुए आंदोलन में जेल गए थे। इसके अलावा वे दर्जनों बाद छात्र और किसान आंदोलनों में जेल गए। वर्ष 1982 में वे मेरठ में रालोद के जिला उपाध्यक्ष बने। इसके बाद वर्ष 1986 में वे छात्र रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने। 1990 में मेरठ के युवा रालोद के जिलाध्यक्ष रहे। इसके बाद वे युवा रालोद में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष बने। वर्ष 1995 में चौधरी अजित सिंह ने उन्हें झारखंड और बिहार के चुनाव का प्रदेश प्रभारी बनाया। इसके बाद वे रालोद में प्रदेश महामंत्री और प्रदेश महामंत्री सगंठन बने। वर्तमान में वह रालोद के राष्ट्रीय सचिव हैं।
डॉ. राजकुमार सांगवान ने मेरठ कालेज से एमए इतिहास किया। इसके बाद उन्होंने चौधरी चरण सिंह के ऊपर पीएचडी की। वह मेरठ कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर रहे हैं।

बागपत को आरएलडी का गढ़ माना जाता है. बागपत जिले में विधानसभा की 3 सीटें हैं. साल 2012 में 2 सीट पर बीएसपी और 1 सीट पर आरएलडी जीती थी. वहीं 2017 में 2 सीट पर बीजेपी और 1 सीट पर आरएलडी को जीत मिली थी.
बाद में आरएलडी विधायक भी बीजेपी में शामिल हो गये. जिले की छपरौली सीट आरएलडी का गढ़ है. छपरौली सीट का प्रतिनिधित्व चौधरी चरण सिंह और अजीत सिंह कर चुके हैं. बागपत लोकसभा से बीजेपी के सत्यपाल सिंह सांसद हैं. चौधरी अजीत सिंह ने कई बार बागपत लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया.

चंदन चौहान इस वक्त मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से रालोद के विधायक भी हैं। चौहान गुर्जर समुदाय से आते हैं। उनके पिता संजय सिंह चौहान वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में बिजनौर से सांसद भी चुने गये थे। उनके दादा नारायण सिंह चौहान वर्ष 1979 में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा राजकुमार सांगवान जाट बिरादरी के सबसे वरिष्ठ एवं प्रभावशाली नेताओं में शुमार किये जाते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों और गुर्जरों की खासी तादाद है, ऐसे में रालोद द्वारा इन दोनों बिरादरियों के उम्मीदवारों को उतारा जाना जातीय समीकरण साधने की कोशिश मानी जा सकती है।

इसके अलावा रालोद ने विधान परिषद की एक सीट के लिये योगेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। हालांकि अभी राजग ने लोकसभा और विधान परिषद की सीटों के बंटवारे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा है। मगर चर्चा है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में अपने गठबंधन के सहयोगी दलों अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और रालोद के लिये कुल पांच सीटें छोड़ सकती है, बाकी 75 सीटों पर भाजपा अपने प्रत्याशी उतारेगी।

उत्तर प्रदेश विधान परिषद के 13 सदस्यों का कार्यकाल इसी साल मई में खत्म होने वाला है। इनमें भाजपा के 10 और अपना दल (सोनेलाल), समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का एक-एक सदस्य शामिल है।

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