लखनऊ, 03 जनवरी। ट्रक चालकों से वसूली करते होमगार्ड को बिना साक्ष्य और गवाह के फंसाने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कड़ा रुख अपनाते हुए हरदोई के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक पर दो लाख रुपये का जुर्माना ठोंका है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपित होमगार्ड को राहत देते हुए उसके खिलाफ दाखिल आरोपपत्र और निचली अदालत से जारी तलबी आदेश को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि होमगार्ड के खिलाफ विवेचना में पुलिस ने न तो किसी पीड़ित को गवाह बनाया और न ही जिस वीडियो के आधार पर कार्रवाई की गई, उसको बतौर सुबूत रिकार्ड पर लिया। कोर्ट ने कहा कि जुर्माने की रकम दो महीने में पीड़ित याची को दी जाए। यह आदेश जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने याची राम गोपाल गुप्ता की याचिका को मंजूर करते हुए पारित किया। कोर्ट ने जारी आदेश में कहा- ष्कि यह केस इस बात की एक बानगी है कि पुलिस किस तरह किसी को फर्जी केस में फंसाती है।
हरदोई जिले के लोनार थाने के सब इंस्पेक्टर ऋषि कपूर के मोबाइल पर किसी ने एक वीडियो भेजा, जिसमें नो एंट्री प्वाइंट पर कोई पुलिस की वर्दी में वहां से गुजरने वाले ट्रक चालकों को डरा-धमका कर उनसे वसूली कर रहा था। पुलिस वहां पहुंची तो पाया कि वीडियो वाला आदमी होमगार्ड था और उक्त वीडियो पुराना था। तलाशी पर उसके पास से तीस रुपये निकले। पुलिस ने मामले में याची के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया, जिस पर निचली अदालत ने 25 अप्रैल 2022 को संज्ञान लेकर याची को विचारण के लिए तलब कर लिया। इसके खिलाफ ही याचिका दाखिल की गई थी।