Friday, November 28

सदर जगन्नाथ मंदिर में अब बैठेगा रिसीवर, दोनों समितियों का नहीं होगा अब किसी तरह का हस्तक्षेप

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ 28 नवंबर (प्र)। सदर स्थित बाबा बिल्लेश्वर नाथ मंदिर पर प्रशासन रिसीवर नियुक्त करेगा। मंदिर को लेकर चल रहे विवाद के चलते शासन स्तर पर यह निर्णय लिया गया है। रिसीवर नियुक्त होने के बाद मंदिर को लेकर विवाद करने वाली दोनों ही समितियों का कोई हस्तक्षेप नहीं रह जाएगा। इतना ही नहीं मंदिर में जो वर्तमान में परिवार रह रहे हैं उन्हें भी अब मंदिर छोड़ना होगा रिसीवर नियुक्त किए जाने के बाद मंदिर में पूजा अर्चना के लिए नए पुजारी भी नियुक्त किए जा सकते हैं।

दरअसल, बिल्लवेश्वर नाथ मंदिर परिसर स्थित प्राचीन पौराणिक कुएं की साफ सफाई के लिए कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने पूर्व में प्रेषित पत्र का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग की निदेशक रेनु देवी ने जिलाधिकारी को 19 सितंबर को भेज पत्र में कहा है कि उक्त मंदिर परिसर में साफ सफाई की व्यवस्था की जाए। पत्र में बताया गया है कि उक्त मंदिर को 3 मई 1967 को राज्य संरक्षित घोषित किया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि उक्त कुंआ पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित नहीं है। इस मंदिर में दो समितियां भगवान श्रीजगन्नाथ सेवा ट्रस्ट व श्रीजगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट बनी हुई हैं, इनमें मंदिर की देखरेख को लेकर आपस में विवाद चल रहा है। पत्र में जिलाधिकारी से दोनों समितियों को प्रशासन के आधीन लेने को कहा गया है। साथ ही प्रशासन से कुंए की साफ सफाई की व्यवस्था को कहा गया है।

थाना सदर बाजार पुलिस ने दोनों समितियों के बीच चल रहे विवाद के चलते प्रशासन को भेजी गई रिपोर्ट में शांति भंग होने की आशंका व्यक्त की है। बीती 6 सितंबर को भेजी गयी इस रिपोर्ट में उप निरीक्षक अंकित वर्मा की रिपोर्ट में कहा गया है कि मंदिर के आयोजनों को शांति पूर्वक संपन्न कराने के लिए धारा 145 सीआरपीसी के तहत राज्य के हम में कुर्क की कार्रवाई की संस्तुति की है। रिसीवर की नियुक्ति के बाद मंदिर परिसर में रहने वाले सभी परिवार बाहर किए जाएंगे। मंदिर में पूजा अर्चना के लिए रिसीवर नए पुजारियों व की नियुक्ति करेंगे। दोनों समितियों को किसी प्रकार कोई हस्तक्षेप अब नहीं रह जाएगा। वहीं, इस संबंध में कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने बताया कि मंदिर परिसर स्थित कुंए की साफ सफाई के लिए राज्य पुरातन विभाग को पत्र लिखा है। उसी के संदर्भ में जिलाधिकारी को लखनऊ से पत्र आया है। उधर, पुरातत्व विभाग के पत्र के संदर्भ में प्रस्तावित कार्रवाई को लेकर जब एडीएम सिटी बृजेश सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पत्र संभवतः जिलाधिकारी कार्यालय में आया है। पत्र की जानकारी उन्हें नहीं है।

Share.

About Author

Leave A Reply