मेरठ 05 अगस्त (प्र)। आचार्य बालकृष्ण जी के जन्मोत्सव को ‘जड़ी-बूटी दिवस’ के रूप में मनाते हुए, महिला पतंजलि योग समिति, मेरठ ने गाँधी आश्रम में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस शुभ अवसर पर समिति की बहनों ने वैदिक यज्ञ का आयोजन किया और उपस्थित सभी बहनों व भाईयों ने आचार्य श्री को बधाई दी और ईश्वर से उनकी दीर्घायु की शुभकामनाएं की।
इस दौरान समिति की सदस्यों ने प्रकृति और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए औषधीय पौधों का रोपण एवं वितरण किया। रोपित और वितरित किए गए पौधों में गिलोय, तुलसी, एलोवेरा, अश्वगंधा, करीपत्ता, आमला, नीम, बेल, सहजन, नींबू, अर्जुन, शीशम और लैमन जैसे महत्वपूर्ण पौधे शामिल थे।
इस अवसर पर, हर्षिता आर्या ने आचार्य बालकृष्ण के बहुमूल्य योगदानों पर प्रकाश डालते हुए उन्हें वर्तमान के धन्वंतरि और आधुनिक युग का विश्वकर्मा बताया। यह बताया कि आचार्य जी ने आयुर्वेद और भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके अथक प्रयासों से डेड़ लाख पृष्ठों की विश्वभेषज संहिता की रचना हुई है, जो चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक अद्वितीय धरोहर है। श्रद्धेय आचार्य श्री ने लगभग 150 पुस्तकों का सृजन कर महान् कार्य किया है।
आचार्य जी विलुप्ति के कगार पर पड़ी बेशकीमती पांडुलिपियों पर शोध कार्य कर उनका संरक्षण कर रहे हैं। साथ ही, वे भारत के गौरवशाली इतिहास का पुनर्लेखन करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य में भी लगे हुए हैं एवं शिक्षा के क्षेत्र में भी भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन कर क्रांतिकारी कार्य कर रहे हैं। आचार्य जी ने अनुसंधान द्वारा सौ से अधिक असाध्य रोगों की आयुर्वेदिक औषधियाँ निर्मित की हैं। आचार्य बालकृष्ण जी स्वदेशी उत्पादों, गौ संवर्धन एवं गौ संरक्षण के लिए भी निरंतर प्रयासरत हैं।
समिति ने आचार्य जी के जन्मोत्सव को ‘जड़ी-बूटी दिवस’ के रूप में मनाने का संकल्प लिया, ताकि उनके स्वास्थ्य और आयुर्वेद के प्रति समर्पण को जन-जन तक पहुँचाया जा सके।
इस कार्यक्रम में विशेष सहयोग करने वालों में संतोष त्यागी, कमलेश रानी, माला सिंह, निर्वेश रानी, चन्दना बेरा, सीमा ठाकुर, मधु शर्मा, पुष्पा प्रजापति, रेनू आर्या आदि रहीं।