मेरठ, 17 मई (प्र)। मुंबई हादसे से सबक लेते हुए नगर निगम के अधिकारी भी सजग हो गये हैं। गत गुरुवार को नगर निगम ने 35 होर्डिंग्स ठेकेदारों को नोटिस जारी किये हैं। इसमें भवन स्वामियों की बिल्डिंग पर भी सवालिया निशान उठाये गये हैं। हालांकि जवाब देने के लिए ठेकेदारों को एक सप्ताह की मोहलत दी गई है। मुंबई के घाटकोपर इलाके में गत दिनों धूल भरी आंधी के बाद एक बड़ा होर्डिंग गिरने से 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 74 से अधिक लोग घायल हो गए। लगभग 15 हजार वर्ग फीट से बड़े इस होर्डिंग का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है, हालांकि अब अधिकारियों का कहना है कि इसे नगर निकाय की अनुमति के बिना किया गया था। मुंबई की ही तरह मेरठ की सभी सड़कों पर होर्डिंग्स व यूनिपोल की बाढ़ आई हुई है, लेकिन इस हादसे से पहले ही नगर निगम के अधिकारी सजग हो गये हैं।
नगर निगम में होर्डिंग्स का कार्य देख रहे अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार का कहना है कि हमने 35 ऐसे होर्डिंग्स ठेकेदारों को नोटिस जारी किये हैं। जिन्होंने शहर में अलग-अलग स्थानों पर भवनों पर रूफ टॉप पर विशालकाय होर्डिंग्स लगा रखे हैं। एक तो इतनी ऊंची बिल्डिंग और उसके ऊपर हवा में टांगे गये विशालकाय होर्डिंग्स में क्या मानक अपनाये गये हैं? ठेकेदारों से भवन स्वामी के साथ-साथ इंजीनियर की रिपोर्ट भी मांगी गई है। उधर, नगर निगम के एआईएमआईएम के पार्षद फजल करीम तथा पूर्व पार्षद व कार्यकारिणी सदस्य अब्दुल गफ्फार का कहना है कि नगर निगम क्षेत्र में भी अवैध होर्डिंग्स की भरमार है जिसका मुद्दा आने को बार पूर्व एवं वर्तमान सदनो में भी पार्षदों द्वारा उठाया जाता रहा है नगर निगम कार्रवाई करने के बजाय मात्र खाना पूर्ति करता है। ऐसा प्रतीत होता है महाराष्ट्र जैसे दुर्घटना का नगर निगम इंतजार कर रहा है। उधर, शहर में होर्डिंग्स के ठेकेदार अभिनव एडवरटाइजिंग एजेंसी के संचालक सचिन चौधरी का कहना है कि उनको नगर निगम की ओर से अभी कोई नोटिस नहीं मिला है। नोटिस देखने के बाद उसका विधि सम्मत जवाब दिया जायेगा।