मेरठ 04 मार्च (प्र)। एनएच 58 पर वेदव्यासपुरी कॉलोनी में बसी सुशांत सिटी के आवंटियों को मेडा ने बड़ी राहत दी है। निर्माणकर्ता कंपनी की ओर से करोड़ 41 लाख रुपए का सरचार्ज नहीं जमा करने पर आवंटियों की लटकी रजिस्ट्री के लिए मेडा ने तोड़ निकाला है। मेडा निर्माणकर्ता कंपनी पर बकाया धनराशि को आवंटियों से वसूलेगा। इसके तहत 1431 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से जमा करने के बाद आवंटी अपने पक्ष में रजिस्ट्री करा सकेंगे।
मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) की वेदव्यासपुरी परियोजना में मैसर्स अंसल लैंडमार्क टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष 2005 में 300 एकड़ भूमि दी गई थी। सेक्टर 3 में ग्रुप हाउसिंग सेक्टर 5 सेक्टर 7 तथा सेक्टर 4 ए में पैमाइश के बाद भूमि करीब 270 एकड़ मिली। 27 मई 2019 को प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की अध्यक्षता में हुई बैठक में ऑडिट आपत्ति के निस्तारण को 10 प्रतिशत अधिभार ( सरचार्ज ) के तौर पर 16 करोड़ 41 लाख 54 हजार 94 हजार जमा करने का कंपनी को नोटिस जारी किया गया था। कंपनी इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय पहुंच गई।
इस पर बिना भुगतान मेडा ने रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी। इससे रजिस्ट्री न होने से परेशान 400 आवंटी लगातार जिला प्रशासन से लेकर शासन तक बीच का रास्ता निकालने की मांग कर रहे थे। अब मेडा की ओर से इसका हल निकाला गया है।
गणना के बाद निकाला शुल्क वर्ग मीटर के सापेक्ष विक्रय योग्य सेक्टर 4ए की कुल भूमि 250276 भूमि पर देवता धनराशि लागू की गई। निर्माणकर्ता कंपनी की ओर से भुगतान न करने पर अब आवंटियों ही उनके हिस्से का बकाया लिया जाएगा। कमेटी की ओर से गणना की गई है जिसके तहत प्रति वर्ग मीटर 1431 रुपए आवंटी को देना होगा, इसके बाद आवंटियों के पक्ष में रजिस्ट्री कर दी जाएगी। अब इसे प्रभावित तौर पर लागू करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।– अभिषेक पांडेय, उपाध्यक्ष मेडा।
कई साल से थे परेशान
बड़ी मुश्किल से कॉलोनी बाद निर्माणकर्ता कंपनी और मेडा के बीच चली रस्साकसी से खरीदारों को परेशान होना पड़ा। अब रजिस्ट्री के बाद संपत्ति अपने नाम होगी। इसे बेचा भी जा सकेगा। नई व्यवस्था से सालों से भटक रहे 400 से ज्यादा आवंटियों को राहत मिली है। प्रतीक गुप्ता, आवंटी