Saturday, July 27

अवैध क्लीनिक में डिलीवरी के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्री जच्चा और बच्चा दोनों की मौत

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मेरठ 09 जनवरी (प्र)। रोहटा ब्लॉक के गांव मीरपुर में घर में ब्यूटी पार्लर की आड़ में संचालित किए जा रहे अवैध क्लीनिक में डिलीवरी के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्री जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गयी। आरोप है कि सीएचसी सरूरपुर पर तैनात एएनएम ब्यूटी पार्लर की आड़ में अपने घर में ही डिलीवरी करती थी।

रोहटा ब्लॉक के गांव दमगढ़ी निवासी नईमा पत्नी जावेद आंगनबाड़ी कार्यकत्री के रूप में तैनात थी। बीते रविवार दोपहर वह मीरपुर स्थित एएनएम के पास नियमित जांच कराने पहुंची थी। परिजनों ने बताया कि वहां उसको डिलीवरी कराने की सलाह दी। इस दौरान सरूरपुर सीएचसी पर तैनात एएनएम ने अपने घर पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री की डिलीवरी करनी शुरू कर दी। अप्रशिक्षित और लापरवाही से डिलीवरी करने पर गंभीर स्थिति में जन्मे बच्चे की मौत हो गई। लापरवाही के चलते तेजी से ब्लीडिंग शुरू हो गई।

जिससे जच्चा की हालत बिगड़ने लगी। मरनासन्न हालत में एएनएम ने उसको मेरठ ले जाने के लिए कहा। मौके पर पहुंचे परिजनों ने आनन-फानन में सुभारती अस्पताल में भर्ती कराया। जहां देर रात उपचार के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्री की मौत हो गई। जच्चा बच्चा की मौत की सूचना के बाद परिवार में कोहराम मच गया। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने बताया कि नईमा के एक बेटी खुशी सात वर्ष व बेटा फैजान चार वर्ष का है।

ग्रामीणों का आरोप है कि रोहटा ब्लॉक के गांव मीरपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरूरपुर पर तैनात एएनएम ने अपने घर में ही बिना मान्यता के क्लीनिक खोला हुआ है। गांव वालों की मानें तो एएनएम कई बार तो सीएचसी में हाजिरी के दौरान भी अपने आवास पर डिलीवरी और अवैध गर्भपात करती है। पिछले कई वर्षों में लापरवाही के मामले सामने आते रहे हैं।अनेक शिकायतों के बाद यहां कुछ समय पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा भी मारा था। उस दौरान गर्भपात के उपकरण भी बरामद किए थे, लेकिन विभाग की सांठगांठ के बाद भी गर्भवतियों की जान से खिलवाड़ करते हुए अवैध क्लीनिक का संचालन बेखौफ हो रहा है।

वहीं, डिलीवरी में एएनएम द्वारा की गई लापरवाही के मामले को बाल विकास पुष्टाहार व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अवगत करा दिया है। पीड़ित के परिवार आरोप है कि अपप्रशिक्षित एएनएम द्वारा असुरक्षित प्रसव कराने के बाद रक्तस्राव होने के कारण जच्चा की मौत हुई है तथा गलत तरीके से कराई गई प्रसव पीड़ा के कारण बच्ची की भी मौत हो गई। इस मामले में पीड़िता के परिवारों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से मामले की शिकायत की है और साथ ही कार्रवाई की मांग रखी है।

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