मेरठ 04 दिसंबर (प्र)। निजी अस्पतालों की मनमानी, दवाओं के मनमाने दाम वसूलने के विरोध में सपा विधायक अतुल प्रधान आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। मेरठ कलेक्ट्रेट में अतुल प्रधान ने समर्थकों के साथ डीएम दफ्तर के बाहर डेरा जमाया है। मांग है कि निजी अस्पतालों की जो मनमानी, खुलेआम लूट इलाज के नाम पर चल रही है, वो बंद हो। साथ ही गलत तरीके से संचालित अवैध अस्पतालों को बंद किया जाए। वहीं समर्थकों की मांग है कि न्यूटिमा अस्पताल प्रकरण में अतुल प्रधान सहित 40 लोगों पर जो मुकदमा हुआ है वो वापस लिया जाए। अतुल प्रधान के समर्थन में सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी, महानगर अध्यक्ष आदिल सहित अन्य सपा नेता भी पहुंचे हैं।
सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान कलक्ट्रेट में समर्थकों के साथ ट्रेक्टर लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे । विधायक अतुल प्रधान का कहना है कि निजी अस्पतालों में लूट हो रही है। देहात के लोग डॉक्टरों की लूट से परेशान हैं। इसको लेकर उनकी लड़ाई निजी अस्पताल चलाने वाले डॉक्टरों से हैं। उनका कहना है कि शहर में कई निजी अस्पतालों में कोड देकर मेडिकल से दवाई दी जाती है। अस्पतालों में चार-चार गुना पैसा लिया जाता है। धरने पर आप जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी, वेस्ट यूपी युवा अधिवक्ता एसोसोसाशन और पूर्व महामंत्री रामकुमार शर्मा, रवि कुमार सहित समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
विधायक का आरोप है कि कुछ भाजपा नेताओं के इशारे पर निगम अधिकारियों ने बैनर उतरवाए हैं। वह हमेशा पीड़ित परिवारों के साथ खड़े रहेंगे। अस्पतालों में जिस तरह से मरीजों से अनाप शनाप पैसे वसूले जा रहे हैं। यह गरीब मरीजों के साथ नाइंसाफी है। इसे वह नहीं होने देंगे। बता दें कि मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल में मरीज के इलाज का बिल कम कराने को लेकर अतुल प्रधान और न्यूटिमा अस्पताल प्रबंधन के बीच विवाद हुआ था, जो थमने का नाम नहीं ले रहा।
वहीं मानकों के विपरीत चल रहे गढ़ रोड स्थित न्यूटिमा अस्पताल को मेडा के नोटिस की मियाद सोमवार को खत्म हो रही है। अस्पताल की ओर से शनिवार तक शमन को आवेदन नहीं किया गया। अफसरों ने जिला प्रशासन से भी कार्रवाई को लेकर फोर्स की मांग की है।
मेडा अफसरों के मुताबिक 28 नवंबर 2014 को न्यूटिमा अस्पताल का नक्शा स्वीकृत कराया गया था। इसके तहत लोअर बेसमेंट एवं अपर बेसमेंट में पार्किंग का प्रावधान किया गया था, लेकिन मौके पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा पार्किंग के स्थान पर मैनेजमेंट ऑफिस, पैथोलॉजी लैब व जांच केंद्र संचालित मिले। कमिश्नर के निर्देश पर मेडा ने अस्पताल को 21 दिन का नोटिस दिया था, जिसकी मियाद सोमवार को खत्म हो रही है।