Friday, November 22

आरटीओ में भ्रष्टाचार का ऑडियो टेप वायरल

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मेरठ 02 जनवरी (प्र)। आरटीओ ऑफिस में भ्रष्टाचार कैसे चलता है, इसका खुलासा एक ऑडियो टेप’ में हुआ हैं। ये ऑडियो टेप आरटीओ ऑफिस में कार्यरत तीन कर्मचारियों का हैं, जिसमें एक थार कार जिस पर लोन बाकी था, उसका दूसरे जनपद के लिए एनओसी दे दी गई ? ये एनओसी कैसे दे दी गई ? इसमें एनओसी आने से पहले एक मेल विभाग के पास आती हैं, जिसमें बैंक से यदि ऋण लिया है तो उसका भी मेल आरटीओ ऑफिस को आता हैं। इसमें मेल तो आया, लेकिन वो भी फर्जीवाड़ा आरटीओ ऑफिस के क्लर्क स्तर से किया गया। क्योंकि इसमें पांच लाख का भ्रष्टाचार हुआ, जो ऑडियो टेप में बार-बार जिक्र आ रहा है। फर्जी एनओसी देने के लिए पांच लाख की रिश्वत आरटीओ ऑफिस के क्लर्क ने ली। इसमें ही ये बड़ा खेल हुआ। ये पूरा खेल क्लर्क के स्तर | पर हुआ, लेकिन इसमें संलिप्त कौन-कौन थे? ये खुलासा होना बाकी हैं।

हालांकि इसमें तीन क्लर्क की आवाज हैं, जिनको हर किसी ने उनकी आवाज को पहचान भी लिया हैं। इनमें एक कर्मचारी आरटीओ में संविदा पर काम कर रहा है, जो प्रवीण कुमार है तथा दूसरा दीपक ‘कुमार आरटीओ का स्थीय कर्मचारी हैं। दीपक क्लर्क के पद पर तैनात हैं। ये फाइल पहले दीपक के पास गई थी, जहां से कार्य क्षेत्र आरटीओ के बदले जाने के बाद ये फाइल गौरव के पास चली गई। जहां पर ये फाइल दी गई थी। फिर फाइल कैसे हो गई, ये बड़ा सवाल हैं। वायरल हो रही ऑडियो टेप में क्लर्क दीपक बातचीत कर रहा हैं, जिसमें कह रहा है कि पांच लाख रुपये उनके नाम पर क्यों लिये गए? फाइल उनके स्तर से की गई, तो फिर पांच लाख रुपये किसने लिये। फर्जी एनओसी देने के नाम पर ये पूरा खेल चल रहा हैं।

दरअसल, आरटीओ में एनओसी का फर्जीवाड़ा चल रहा हैं इस फर्जीवाड़े में कई क्लर्क शामिल हैं। जिस गाड़ी पर बैंक का ऋण होता हैं उसकी एनओसी पहले बैंक को मेल भेजकर ली जाती हैं, ये तो सही तरीका है, लेकिन यहां मेल तो भेजी जाती हैं, लेकिन उसमें फर्जीवाड़ा हो रहा हैं। फर्जी मेल आरटीओ ऑफिस के क्लर्क मंगाते हैं। इसी को लेकर महाखेल किया जाता हैं इस खेल में कौन-कौन संलिप्त हैं, ये कहना मुश्किल हैं, लेकिन इसमें बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा हैं वायरल हो रहे ऑडियो टेप से तो यहीं खुलासा हुआ हैं। करीब पांच मिनट की ये ऑडियो टेप हैं, जो वायरल हुई हैं। इसमें प्रवीण कुमार, दीपक शर्मा और पुष्पेन्द्र शर्मा की आवाज हैं। इन तीनों को एक ही फोन पर काफ्रिसिंग पर लिया गया हैं। इसके बाद एक-एक से बात कराई गयी, जिसमें पांच लाख रुपये लेना बताया गया। ये पांच लाख प्रवीण ने लिये हैं, ऐसी चर्चा ऑडियो टेप में चल रही हैं। ये ऑडियो टेप आरटीओ से लेकर कई बड़े अफसरों तक पहुंची, लेकिन इसमें कार्रवाई किसी के खिलाफ भी नहीं की गई। इस तरह से भ्रष्टाचार में संलिप्त क्लकों का दुस्साहस और भी बढ़ रहा हैं।

एक नहीं, कई फाइलों पर उठ रही अंगुली
क्लर्क दीपक की सीट पर एनओसी का एक मामला नहीं, बल्कि कई मामले इस तरह के सामने आ चुके ज्यादातर में फर्जी एनओसी होने की बात कहीं जा रही है, जो जांच का विषय बनता है। आरटीओ स्तर से एनओसी जिन फाइलों में गई हैं, उनकी जांच होनी चाहिए, तभी बड़ा फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आ कसा जा सकता है। क्योंकि फर्जी मेल भेजना, फिर जाएगा। फर्जीवाड़ा खुलते ही दीपक पर शिकंजा उसकी फाइल तैयाकर गलत तरीके से एनओसी दे देना, ये सब बड़े फर्जीवाड़े का हिस्सा है। इसलिए इनकी जांच होनी चाहिए, जिसमें स्पष्ट हो जाएगा कि कितनी फाइलों में फर्जी मेल लगाई गयी हैं।

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