Tuesday, December 23

कैंट बोर्ड ने करोड़ों की सरकारी जमीन करायी कब्जा मुक्त

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मेरठ, 03 मई (प्र)। अवैध डेयरी संचालकों के कब्जे से तीन दिनी अभियान में कैंट बोर्ड ने भारत सरकार की कई करोड़ कीमत की जमीन मुक्त करायी है। जमीन केवल मुक्त ही नहीं करायी है उस पर कब्जा भी ले लिया गया है। जो जमीन मुक्त करायी गयी है उसकी निगरानी खुद सीईओ कैंट जाकिर हुसैन कर रहे हैं । दरअसल, कैंट बोर्ड प्रशासन का प्रयास मुक्त करायी गयी जमीन पर कुछ अनूठा करने का है। इसके लिए मंथल चल रहा है, लेकिन सूत्रों ने जानकारी दी है कि कैंट बोर्ड प्रशासन मुक्त करायी गयी जमीन पर रजबन की तर्ज पर आसपास की आबादी के लिए पार्क भी विकसित कर सकता है, हालांकि सूत्रों ने जानकारी दी है कि यह अभी प्रस्ताव भर है, इसको अमली जामा सीईओ कैंट व फौजी अफसरों की हां के बाद ही पहचाना जा सकेगा।
कैंट क्षेत्र स्थित रजबन इलाके में भारत सरकार की बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जा कर संचालित की जा रही डेयरी की वजह से जहां आसपास की एक बड़ी आबादी का सांस लेना भी दुश्वार हुआ करता था और तय मान लिया था किसी भी कीमत पर वहां चल रही डेयरी को हटाया नहीं जा सकता था, वो अवैध डेयरी ना केवल हटवायी गयी बल्कि सरकारी जमीन पर को मुक्त कराकर कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन ने वहां एक शानदार पार्क भी आबाद कराया।

कैंट बोर्ड के इस पार्क को ना केवल रजबन की बड़ी आबादी बल्कि इस पूरे इलाके यहां तक कि लालकुर्ती तक से लोग अपनी सुबह व शाम यहां बिताने को आते हैं। इलाके के लोगों का कहना है कि उनके जो बच्चे पहले अवैध डेयरियों की वजह से हमेशा बीमार रहा करते थे यहां पार्क आबाद होने के बाद उन बच्चों के लिए खेलने कूदने के लिए एक बेहतर जगह मुहैय्या करा दी गयी है । लोगों का कहना है कि कैंट बोर्ड के पार्क से सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि जो मंसूबा पाले हुए थे कि कुछ समय बाद दोबारा डेयरी संचालित कर ली जाएगी कैंट बोर्ड ने यहां के लोगों को पार्क का तोहफा देकर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। अब यहां ना गोबर की सड़ांध है और ना ही भूगर्भीय जल का अनुचित दोहन । इतना ही नहीं अब यहां गोबर की वजह से नाले नालियां चोक भी नहीं होती हैं। वहीं, इस संबंध में सीईओ कैंट जाकिर हुसैन ने बताया कि अभियान चलाकर जो जमीन मुक्त करायी गयी है, वह स्वयं उसकी निगरानी कर रहे हैं। उस जमीन पर दोबारा कोई कब्जा ना करे यह भी सुनिश्चित कराया जाएगा।

लोगों को बेसब्री से इंतजार
कैंट बोर्ड के अभियान के बाद बूचरी रोड इलाका समेत जिन तमाम इलाकों में डेयरियों पर कार्रवाई कर सरकारी जमीन मुक्त करायी गयी है, वहां के बाशिंदों का कहना है कि यदि रजबन के पार्क की तर्ज पर उनके इलाके में भी मुक्त करायी गयी जमीन पर कैंट अफसर पार्क आवाद करा दें तो एक तो डेयरी संचालकों के दोबारा से सरकारी जमीन पर कब्जे की आशंका खत्म हो जाएगी। इसके अलाबा आसपास की आबादी को अपनी सुबह शाम सकून व स्वच्छ वातावरण में गुजारने की एक अच्छी जगह भी मिल जाएगी।

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