मुजफ्फरनगर 29 दिसंबर। नगर के 8 अभिभावकों के खिलाफ एक स्कूल ने मुकदमा दर्ज कराया है, इन अभिभावकों पर आरोप है कि इन्होंने कोरोना काल के समय में स्कूल की फीस नहीं दी थी और स्कूल से बिना टीसी लिए किसी और स्कूल में अपने बच्चों का एडमिशन करा दिया था। थाना नयी मंडी में दर्ज कराये गए इस मामले में नगर के ही दी एस.डी.पब्लिक स्कूल समेत कई अन्य प्रमुख स्कूलों को भी 120 बी का मुलजिम बनाया गया है ,जिन्होंने बिना टीसी के इन बच्चों को एडमिशन दिया था।
मामला मुजफ्फरनगर के एमजी वर्ल्ड विजन से जुड़ा हुआ है,एमजी वर्ल्ड विजन ने उन आठ अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है, जिन्होंने कोरोना काल में अपने बच्चों की कुछ महीनों की फीस नहीं दी थी और स्कूल से बिना टीसी लिए,अन्य स्कूलों में एडमिशन करा लिया था। एमजी वर्ल्ड ने उन स्कूलों को भी इस मामले में 120 बी का मुलजिम बनाया है,जिन्होंने एडमिशन दिए थे। पुलिस ने इस मामले में गंभीर धाराओं में अभिभावकों और स्कूलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
एमजी वर्ल्ड विजन की प्रधानाचार्य मृणालिनी अनंत ने नगर के निवासी मनोज गुप्ता,दिवेश कुमार,अर्पित चौधरी,सचिन शर्मा, राहुल शर्मा, प्रमोद कुमार, गुलरेज और अनुज गुप्ता के खिलाफ लिखाई गयी एफआईआर में आरोप लगाया है कि इन सभी अभिभावकों ने उनके स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने की फीस नहीं दी और बिना स्कूल से टीसी लिए नगर के ही अन्य स्कूलों में अपने बच्चों का प्रवेश करा लिया,जिसके चलते पुलिस ने धारा 420,406 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया है और जांच शुरू कर दी है। मुजफ्फरनगर की थाना नई मंडी पुलिस ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मयंक जायसवाल के निर्देश पर यह मुकदमा दर्ज किया है।
अभिभावकों को मुकदमा दर्ज होने की जानकारी तब मिली जब पुलिस अधिकारी ने जांच के लिए उन्हें बुलाया। अभिभावकों का कहना है कि वह पूरी फीस जमा कर चुके हैं। टीसी के नाम पर उनसे 18-18 हजार रुपये मांगे गए थे, जो हमने देने से मना कर दिया। हमने दूसरे स्कूलों में एडमिशन करा दिया। सभी बच्चे कक्षा एक से तीन तक के थे, जिनके अंक तालिका के आधार पर प्रवेश हो गए। अभिभावकों का कहना है कि 11 मार्च 2022 में एसीजेएम प्रशांत कुमार प्रार्थना पत्र को खारिज कर चुके हैं।
एमजी वर्ल्ड विजन स्कूल की प्रधानाचार्या मृणालिनी अनंत का कहना है कि हमारे स्कूल से टीसी नहीं ली गई। 15 नवंबर 2021 को एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया था। सुनवाई नहीं हुई तो न्यायालय का सहारा लिया। अभिभावक मनोज गुप्ता का कहना है कि स्कूल की ओर से तथ्य छिपाए गए हैं। पहले प्रार्थना पत्र खारिज हो गया था। स्कूल बंद होने के बावजूद पूरी फीस जमा की गई थी।
बीएसए शुभम शुक्ला का कहना है कि शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत कक्षा पांच तक सीधे प्रवेश हो सकता है। किसी भी टीसी और अंकतालिका की आवश्यकता नहीं है। एक्ट में ये प्रावधान है।