Tuesday, October 28

सेंट्रल मार्केट: ध्वस्त काम्पलेक्स की जमीन पर अस्थायी स्टाल लगाकर काम कर सकेंगे व्यापारी, बाजार स्ट्रीट का दर्जा दिलाकर अन्य 31 निर्माण को राहत दिलाने का होगा प्रयास

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मेरठ 28 अक्टूबर (प्र)। शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान जनप्रतिनिधि और व्यापारी नेताओं के न पहुंचने से व्यापारियों में उपजे आक्रोश को शांत करने में अब जनप्रतिनिधि जुट गए है। सोमवार शाम को कमिश्नर के साथ जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक हुई। व्यापारियों को राहत दिलाने के विकल्पों पर मंथन हुआ। तय किया गया कि फिलहाल ध्वस्तीकरण के बाद खाली भूखंड पर प्रभावित व्यापारी अस्थायी रूप से स्टाल लगाकर काम कर सकेंगे। इस क्षेत्र को बाजार स्ट्रीट का दर्जा देकर अन्य व्यावसायिक निर्माण को भी राहत दी जाएगी। नई भू-उपयोग नीति के तहत आवासीय योजना में पांच प्रतिशत भूमि का व्यावसायिक उपयोग किया जा सकता है। इस भू-क्षेत्र का आकलन कर बाजार स्ट्रीट के दर्जे के तहत निर्माण की अनुमति देने की योजना बनाई गई। नई भूउपयोग नीति से 10 लाख से कम आबादी की बाध्यता को समाप्त करने के लिए कैंट विधायक शासन को प्रस्ताव भेजेंगे।

सोमवार शाम हुई बैठक में कैंट विधायक अमित अग्रवाल, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी, संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष अजय गुप्ता, सेंट्रल मार्केट के 10 व्यापारी, नगर आयुक्त सौरभ गंगवार, आवास विकास के अधिकारी शामिल रहे। विधायक अमित अग्रवाल के प्रस्ताव पर तय किया गया कि इस क्षेत्र को नगर निगम एक्ट में दी गई व्यवस्था के मुताबिक बाजार स्ट्रीट का दर्जा देने का प्रस्ताव आवास विकास तैयार करेगा जिसे मेडा की बोर्ड बैठक में स्वीकृत कराकर मास्टर प्लान में संशोधन किया जाएगा। जिसके बाद 12 मीटर चौड़ी सड़क पर भी व्यावसायिक निर्माण को अनुमति दी जा सकेगी। इसके लिए नई भूउपयोग नीति के तहत दी गई पांच प्रतिशत व्यावसायिक क्षेत्र की अनुमति का भी उपयोग किया जाएगा। नई नीति के तहत 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में 24 मीटर से कम चौड़ी सड़कों पर व्यावसायिक निर्माण को अनुमति देने का प्रविधान किया गया है। कैंट विधायक ने प्रमुख सचिव आवास से बात की तथा 10 लाख आबादी वाली इस बाध्यता को समाप्त कराने की मांग की। तय हुआ कि वे इसके लिए प्रमुख सचिव आवास को प्रस्ताव भेजेंगे।

विधायक अमित अग्रवाल ने बताया कि भूखंड संख्या 661/6 ध्वस्त हो गया है। अब अन्य व्यापारियों का अहित न हो, इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे। नई भू उपयोग नीति में जनसंख्या की बाध्यता समाप्त होने पर शुल्क लेकर भूखंड संख्या 661/6 का भूउपयोग परिवर्तित कर व्यावसायिक मानचित्र स्वीकृत किया जाएगा। उसी के तहत फिर से निर्माण हो सकेगा। तब तक इस खाली भूखंड पर भी प्रभावित व्यापारी अस्थायी स्टाल लगाकर काम कर सकेंगे। कमिश्नर हर्षिकेश भास्कर यशोद ने बताया कि इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

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