यह खुशी की बात है कि बागपत रोड रेलवे रोड लिंक मार्ग को दीवाली तक खोलने की बात हो रही है। डीएम की अध्यक्षता वाली समिति ने डेढ़ करोड़ में प्राइवेट संपत्ति खरीदकर मार्ग खोलने का रास्ता बनाया। मैं भी खुश हूं और जिन्हें इसका लाभ मिलेगा वो भी खुश है। लेकिन इस लिंक मार्ग में बाधा बना हॉस्पिटल जिसका ज्यादा हिस्सा सेना और सरकार की जमीन घेरकर बनाया गया उसे ध्वस्तीकरण के नियम के बाद भी उसके संचालक का मान मनौव्वल किया गया। मगर उसने थोड़ी जमीन भ्ीा देना गंवारा नहीं किया तो मेडा आवास विकास के अफसर क्या कर रहे थे जो अतिक्रमण हटाने के लिए हमेशा बुल्डोजर लेकर जाते हैं। मगर आशीर्वाद अस्पताल के अवैध निर्माण और सरकार भूमि पर कब्जा क्यों नहीं हटाया जबकि इसके संचालक ने चर्चा अनुसार इसमें मेडिकल स्टोर और ब्यूटी पार्लर खोलकर अपनी कमाई का जरिया पैदा लिया। मुख्यमंत्री जी सरकार के लिए जनहित में डेढ़ करोड रूपया खर्च करना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन टैक्स की कमाई अवैध निर्माण को बचाने में लगाई जाती रही तो ऐसे लोगों को बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि एक तरफ अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान चलाए जाते हैं वहीं एक व्यक्ति को बचाने के लिए लिंक मार्ग का शुभारंभ निर्माण रूका रहा। आसपास के लोगों का कहना था कि अस्पताल को हटाकर सीधा मार्ग खोला जाए जिससे यहां सुंदर चौराहा भी मिलेगा। मैं किसी विकास कार्य का विरोधी नहीं हूं लेकिन मेडा के अफसरो ंने जो अस्पताल संचालकों को रियायत दी उसे ठीक नहीं कहा जा सकता। अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई के लिए अफसरों को निर्देश दिए जाएं और यह भी पूछा जाएं कि अवैध निर्माण ध्वस्त ना कर प्राइवेट संपत्ति खरीदने के लिए डेढ़ करोड़ रूपये क्यों खर्च किए गए।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
मुख्यमंत्री जी ध्यान दें! लिंक मार्ग में बाधा अवैध बने अस्पताल को रियायत क्यों जनता का पैसा विकास कार्यों में लगे अवैध निर्माणकर्ताओं को बचाने में नहीं
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