मेरठ 09 सितंबर (प्र)। मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने बड़े भूखंडों (300 वर्गमीटर और इससे बड़े) में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की तर्ज पर अब स्टैक पार्किंग अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। मेडा इस प्रस्ताव को 11 सितंबर को होने जा रही 129वीं बोर्ड बैठक में रखने जा रहा है।
बोर्ड से प्रस्ताव पास होने पर आवंटियों को घर का नक्शा पास कराते समय रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के साथ ही स्टैक पार्किंग बनाने का शपथ पत्र और उसकी सिक्योरिटी फीस जमा करानी होगी। ये फीस स्टैक पार्किंग बनाने के बाद रिफंड होगी अगर भूखंड स्वामी ने स्टैक पार्किंग नहीं बनाई तो उसकी जमा धनराशि को जब्त कर लिया जाएगा। अगर बोर्ड बैठक में स्टैक पार्किंग का प्रस्ताव पास होता है तो मेरठ विकास प्राधिकरण ऐसा करने वाली प्रदेश की पहली प्राधिकरण बन जाएगी।
स्टैक पार्किंग एक प्रकार की ऐसी पार्किंग व्यवस्था है, जो स्थान को अधिक कुशलता से उपयोग करने के लिए डिजाइन की गई है। यह पार्किंग मुख्य रूप से लास्ट इन, फर्स्ट आउट सिद्धांत पर काम करती है, जो कंप्यूटर साइंस में स्टैक डेटा स्ट्रक्चर से प्रेरित है। इसमें वाहनों को एक के ऊपर एक (स्टैक की तरह) या एक के पीछे एक कतार की तरह, लेकिन स्टैक मोड में व्यवस्थित किया जाता है, ताकि जगह की कमी वाले क्षेत्रों जैसे मॉल, हॉस्पिटल या शहरों में अधिक वाहन पार्क किए जा सकें। यह पारंपरिक पार्किंग से अलग है, जहां हर वाहन के लिए अलग-अलग स्पेस है।
स्टैक पार्किंग के यह हैं प्रकार
- होरिजॉन्टल स्टैक पार्किंग : कारों को एक के पीछे एक रखा जाता है। जैसे एक गलियारे में, जहां आगे की कार को निकालने के लिए पीछे वाली कार को हटाना पड़ता है।
- वर्टिकल स्टैक पार्किंग : कारों को एक के ऊपर एक लिफ्ट या रैंप का उपयोग करके रखा जाता है। यह तरीका ऊंचाई को उपयोग करता है। जैसे मल्टीलेवल पार्किंग गैरेज।
