Sunday, December 22

लगातार बारिश ने धान की फसल को पहुंचाया नुकसान, सड़कों में भी जगह-जगह बने गडढे, जलभराव से नागरिक परेशान

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मेरठ, 19 सितंबर (प्र)। बारिश राहत के साथ आफत लेकर बरस रही है। गत बुधवार को भी सुबह से लेकर शाम तक बारिश और बूंदाबांदी होती रही। बारिश से मौसम तो खुशनुमा हो गया, लेकिन फसलों के उत्पादन पर इसका प्रभाव पड़ेगा। सबसे अधिक धान की फसल को नुकसान पहुंचेगा।

सितंबर माह में लौटता हुए मानसून की बारिश अब किसानों के लिए आफत बन रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस समय खेतों में धान की फसल में फूल आ रहे हैं। बारिश और हवा के चलते फूल झड़ रहे हैं और फसल भारी होने के कारण गिर रही है। धान की फसल का उत्पादन घटने की आशंका है। सामान्य से अधिक सितंबर माह में बारिश हो चुकी है। मंगलवार देर रात मौसम ने करवट बदली और बुधवार सुबह से लेकर शाम तक दिनभर बूदाबांदी होती रही। मौसम खराब होने के चलते सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी रही।

कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरएस सेंगर व अरुण ने कहा कि सामान्य से अधिक बारिश किसानों के लिए संकट लेकर आई है। यह बरसात गर्मी में बोई गई खड़ी फसलों जैसे धान, कपास, सोयाबीन, मक्का और दलहन पर बुरा असर डाल सकती है। यह फसल सितंबर के मध्य तक कटने लगती हैं। फसल खराब होने से खाद्य महंगाई बढ़ सकती है। हालांकि, इससे मिट्टी में नमी अधिक रहेगी और जाड़े के सीजन में बोई जाने वाली फसलों में भी परिणाम स्वरूप देरी देखने को मिलेगी, जिससे आगामी फसलों के उत्पादन में भी कमी देखने को मिलेगी। बताया कि अत्यधिक नमी के कारण फलों और सब्जियों की फसलों की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

गत बुधवार सुबह से लेकर शाम तक बारिश होती रही। दिनभर में 15.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही का कहना है कि अभी 25 सितंबर तक मानसून सक्रिय रहेगा। इस बार देरी से मानसून वापस जा रहा है। संभावना है कि अक्तूबर के पहले सप्ताह तक मानसून का असर बना रहेगा। मौसम कार्यालय पर दिन का अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश होने से दिन के तापमान में 8.7 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। बृहस्पतिवार को भी मौसम ऐसा ही बना रहने की संभावना है।

जगह जगह हुआ जलभराव
दिनभर बारिश होने के चलते मेरठ में दिल्ली रोड, खैरनगर, पुराना शहर, घंटाघर से लेकर रुड़की रोड स्थित विभिन्न कॉलोनियों व संपर्क मार्गो पर जलभराव की स्थिति बनी रही। पल्लवपुरम फेज दो में थाने के पास सड़क पर जलभराव के साथ कीचड़ होने से स्थानीय निवासियों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां, गहरे गहरे गड्ढों में पानी भरने से दुपहिया वाहन चालकों को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ी। इसके अलावा पल्लवपुरम फेज वन, डबल स्टोरी, रुड़की रोड पर भी जलभराव से वाहनों की रफ्तार धीमी रही।

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