मेरठ 06 सितंबर (प्र)। शहर में कूड़े के पहाड़ और प्रतिदिन उत्सर्जित कूड़े का निस्तारण न करने पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की धनराशि 15 दिनों के भीतर जमा करनी होगी। गुरुवार को नई दिल्ली में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में हुई सुनवाई के दौरान उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की। सुनवाई कर रहे दो जजों व एक विशेषज्ञ सदस्य की बेंच ने नगर निगम अधिकारियों को प्रतिदिन उत्सर्जित ताजे और पहले से डंप कूड़े के निस्तारण पर एक सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। अगली सुनवाई दिसंबर में होगी।
ये है मामला : आरटीआई एक्टिविस्ट लोकेश खुराना ने एनजीटी में लोहियानगर में अवैध रूप से कूड़े का पहाड़ खड्डा करने और प्रतिदिन उत्सर्जित कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण न करने को लेकर याचिका लगाई थी। एनजीटी के निर्देश पर संयुक्त टीम द्वारा लोहियानगर स्थित अस्थायी डंपिंग ग्राउंड, नौचंदी मैदान स्थित कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन और कुछ वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का निरीक्षण किया गया था। संयुक्त टीम ने पाया था कि नगर निगम क्षेत्र में 900 मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा प्रतिदिन उत्सर्जित होता है, लेकिन इसका वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण नहीं हो रहा। लोहियानगर में लीगेसी वेस्ट का प्लांट कम क्षमता का पाया गया। प्रतिदिन उत्सर्जित कूड़ा भी यहीं डंप किया जा रहा था। संयुक्त टीम की रिपोर्ट पर एनजीटी ने उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लोहियानगर में डंप कचरे का सही आकलन कर नियमानुसार जुर्माना लगाने को कहा था।
प्रति माह 10 लाख जुर्माना
जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, जस्टिस अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डा. ए. सेंथिल वेल की बेंच ने सुनवाई की। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपनी कार्रवाई रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि तीन जुलाई को नगर निगम को शोकाज नोटिस जारी किया गया था, जिसका कोई जवाब नहीं दिया गया। तीन सितंबर को 10 लाख रुपये प्रति माह के हिसाब से पिछले 50 महीनों (एक अप्रैल 2020 से एक मई 2024 तक) का पांच करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया है। वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन में लापरवाही के कारण नगर निगम पर तीसरी बार जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले आठ जुलाई 2019 में करीब 25 लाख रुपये गांवड़ी में कूड़े के पहाड़ और लोहियानगर में लीगेसी वेस्ट को लेकर 11 नवंबर 2020 में साढ़े तीन लाख रुपये जुर्माना लगा। वहीं, 16 अगस्त कूड़ा जलाने पर 25 हजार जुर्माना लगा था, निगम ने यह जुर्माना जमा नहीं किया है।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी भुवन प्रकाश का कहना है कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सही तरीके न किए जाने पर नगर निगम पर जुर्माना लगाया है। यदि निगम जुर्माना राशि नहीं जमा करता है तो आरसी जारी कर वसूली होगी। कार्रवाई की रिपोर्ट एनजीटी में प्रस्तुत कर दी है।
नगर आयुक्त डा. अमित पाल शर्मा का कहना है कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कारण बताओं नोटिस दिया था। उसका जवाब दे दिया गया है। गांवड़ी में ताजे कूड़े के निस्तारण के लिए 900 मीट्रिक टन क्षमता का वेस्ट टू चारकोल प्लांट लगाने की प्रक्रिया चल रही है। एनटीपीसी के साथ जल्द अनुबंध करने जा रहे हैं। यहां प्रतिदिन उत्सर्जित कूड़े का निस्तारण होगा। लोहियानगर में लीगेसी वेस्ट प्लांट लगा हुआ है। गांवड़ी में प्लांट लगने के साथ ताजा कूड़ा लोहियानगर में डालना बंद होगा। एनजीटी ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में जो रिपोर्ट मांगी है, वह जल्द भेजी जाएगी।